अमेरिका में गृहमंत्री अमित शाह पर बैन की मांग, जानिए क्या है पूरा मामला

लोकसभा में सोमवार देर रात नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया है। इसके बाद अमेरिका की एक संस्था ने इस बिल पर आपत्ति जताई है। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग(USCIRF) ने नागरिकता संशोधन बिल पर बयान जारी कर इसे गलत दिशा में उठाया गया खतरनाक कदम बताया है।

Update:2019-12-10 13:06 IST

नई दिल्ली: लोकसभा में सोमवार देर रात नागरिकता संशोधन बिल पास हो गया है। इसके बाद अमेरिका की एक संस्था ने इस बिल पर आपत्ति जताई है। अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग(USCIRF) ने नागरिकता संशोधन बिल पर बयान जारी कर इसे गलत दिशा में उठाया गया खतरनाक कदम बताया है। हालांकि अमेरिकी सरकार ने किसी किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

सोमवार को USCIRF ने बयान जारी कर कहा कि अगर नागरिकता संसोधन बिल भारतीय संसद के दोनों सदनों से पास हो जाता है तो अमेरिकी सरकार गृहमंत्री अमित शाह और दूसरे प्रमुख नेताओं पर प्रतिबंध का विचार करे। इसमें आगे गया है कि अमित शाह द्वारा पेश किए गए धार्मिक मानदंड वाले इस विधेयक के लोकसभा में पारित होने से USCIRF बेहद चिंतित है।

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USCIRF ने आरोप लगाया है कि आप्रवासियों के लिए नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है, लेकिन इसमें मुस्लिमों का जिक्र नहीं है। ऐसे में यह विधेयक नागरिकता के लिए धर्म के आधार पर कानूनी मानदंड निर्धारित करता है। बयान में कहा गया है कि नागरिकता बिल गलत दिशा में बढ़ाया गया एक खतरनाक कदम है।

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अमेरिकी संस्था ने कहा है कि भारत सरकार करीब एक दशक से अधिक समय से USCIRF को नजरअंदाज कर रही है। यूपीए सरकार के दिनों से ही भारत लगातार कहता आ रहा है कि वह अपने आतंरिक मामलों में किसी तीसरे देश के विचारों या रिपोर्ट को मान्यता नहीं देता है।

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विधेयक के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 तक आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने इसे सोमवार को लोकसभा में पेश किया। सात घंटे से अधिक समय तक बहस के बाद इसे पास किया गया। विधेयक के पक्ष में 311 सदस्यों ने वोट किया, जबकि 80 विरोध में रहे। अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

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