PAK: सेना-पुलिस के बीच जबरदस्त टकराव, इमरान ने दी धमकी, सड़कों पर उतरे लोग
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान पूर्व पीएम नवाज शरीफ से बेहद नाराज हैं। वे नवाज शरीफ पर भ्रष्टाचार के आरोप शुरू से ही लगाते रहे हैं। जिसके बाद से राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने शरीफ के पूर्व निजी सचिव फवाद हसन फवाद, पूर्व संघीय मंत्री एहसान इकबाल, पूर्व विदेश सचिव ऐजाज चौधरी और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व प्रमुख आफताब सुल्तान के खिलाफ मामले दर्ज करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के अंदर सेना और पुलिस के बीच टकराव के बाद से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। सिंध प्रांत में तनाव बढ़ गया है। विपक्ष के नेता लगातार इमरान सरकार और सेना दोनों पर जमकर हमला बोल रहे हैं।
आरोप लगाया जा रहा है कि पाकिस्तानी रेंजर्स के सिंध प्रांत के आइजी मुश्ताक मेहर के अपहरण और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेता सफदर अवान की गिरफ्तारी के पीछे देश के आंतरिक मंत्री ब्रिगेडियर इजाज शाह का हाथ है।
इतना ही नहीं आरोप ये भी है कि मंत्री मंत्री पाकिस्तानी रेंजर्स का बचाव भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रणाली में किसी भी राजनेता को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर राष्ट्रीय संस्थानों को निशाना बनाने की परमिशन नहीं दी जा सकती।
मालूम हो कि सिंध के आईजी पर पीएमएल-एन के नेता सफदर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मंत्री इजाज शाह ने दबाव बनाया था। क्योंकि पूरे झगड़े की जड़ पाकिस्तानी रेंजर्स सीधे आंतरिक मंत्रालय के अधीन कार्य करते हैं।
यहां ये भी बता दें कि पाकिस्तान सरकार और सेना कराची की घटना को लेकर चौतरफा हमले झेल रही है। पूर्व पीएम नवाज शरीफ के दामाद की गिरफ्तारी का दबाव बनाने के बाद सिंध प्रांत के आईजी के अपहरण से पाकिस्तानी सेना के खिलाफ एक लड़ाई छिड़ गई है, जिससे देश में बड़ा संकट पैदा हो गया है।
सेना और पुलिस ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एक दूसरे पर जमकर जुबानी हमला बोला जा रहा है।
पाकिस्तान के पुलिस अधिकारियों ने छुट्टी पर जाने की बात पहले ही कह दी है।
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नवाज पर केस पर केस
अब पाकिस्तान के अंदर से खबर ये आ रही है कि एंटी करप्शन बॉडी ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ एक और केस दर्ज करने को कहा है।
बता दें कि पीएम इमरान खान ने कुछ दिन पहले ही अधिकारियों से भ्रष्टाचार के मामलों को जल्द से जल्द निपटाने की बात कही थी। हाल में इमरान ने भाषण में कहा था कि विपक्षियों को अब ‘अलग मिजाज वाले इमरान खान’ का सामना करना पड़ेगा।
बताया जा रहा है कि उनके इस बयान को विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और अदालतों में मुकदमे चलाने की चेतावनी के तौर पर देखा गया था। क्योंकि उस वक्त उन्होंने अधिकारियों से साफ़-साफ भ्रष्टाचार के मामलों का तेजी से निपटारा करने को कहा था।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सुप्रीमो 70 वर्षीय नवाज शरीफ को 2017 में भ्रष्टाचार के आरोपों में सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य करार दे दिया था, जिसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद छोड़ना पड़ा था। वह फिलहाल इलाज के लिए लंदन में हैं।
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नवाज शरीफ के करीबियों पर भी FIR
उधर पाकिस्तान के अंदर राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) ने शरीफ के पूर्व निजी सचिव फवाद हसन फवाद, पूर्व संघीय मंत्री एहसान इकबाल, पूर्व विदेश सचिव ऐजाज चौधरी और खुफिया ब्यूरो (आईबी) के पूर्व प्रमुख आफताब सुल्तान के खिलाफ मामले दर्ज करने की स्वीकृति प्रदान कर दी है।
नैब के अध्यक्ष सेवानिवृत न्यायाधीश जावेद इकबाल की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कुल 11 मामले दर्ज करने को मंजूरी दी गई। जिसमें ईबीएम ने निजी कंपनी अहमद एंड संस के ठेकेदार एहसान इकबाल और मलिक मोहम्मद अहमद के खिलाफ अधिकारियों से साठ-गांठ कर नरोवाल में स्पोर्ट सिटी परियोजना की लागत 3 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 30 करोड़ रुपये दिखाने के संबंध में मामला दर्ज करने की भी परमिशन दी गई।
बता दें कि अब नवाज शरीफ, चौधरी, सुल्तान और फवाद के खिलाफ ये नए मामले विदेशी व्यक्तियों की सुरक्षा के लिये अवैध रूप से 73 उच्च सुरक्षा वाले वाहन खरीदने के संबंध में दर्ज किये जाएंगे।
वे पक्षपात और वाहनों के अवैध इस्तेमाल के आरोपी हैं, जिससे राष्ट्रीय खजाने को 1 अरब 95 करोड़ 20 लाख रुपये से अधिक की हानि हुई है।
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