कोरोना की दमदार वैक्सीन: 100 फीसदी है असरदार, लाखों लोगों तक पहुंचेगी ऐसे

मॉडर्ना कंपनी ने अपनी वैक्सीनों के सबसे ज्यादा असरदार होने का दावा किया है। मॉडर्ना ने तो कहा है कि कोरोना संक्रमण के गंभीर मामलों में उसकी वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।

Update:2020-12-01 09:19 IST
100 फीसदी असरदार कोरोना की ये वैक्सीन

लखनऊ: कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही दुनिया को राहत पहुंचाने के लिए कई कंपनियां वैक्सीन डेवलप करने में जुटी हैं। इस रेस में सबसे आगे अमेरिका है जिसकी फाइजर और मॉडर्ना कंपनी ने अपनी वैक्सीनों के सबसे ज्यादा असरदार होने का दावा किया है। मॉडर्ना ने तो कहा है कि कोरोना संक्रमण के गंभीर मामलों में उसकी वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है।

माडर्ना के सीईओ स्टीफन बैंसेल ने कहा है कि उनकी वैक्सीन तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल में 94.5 प्रतिशत प्रभावी मिली है, लेकिन गंभीर मामलों में यह 100 प्रतिशत प्रभावी साबित हुई है। बैंसेल ने कहा कि वह वैक्सीन के उपयोग की आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए यूएसएफडीए और यूरोपियन मेडिसिंस एजेंसी के समक्ष कंडीशनल मार्केटिंग ऑथराइजेशन के लिए आवेदन करेंगे। यदि उन्हें मंजूरी मिल जाती है तो मध्य दिसंबर तक अमेरिका के लाखों लोगों तक वैक्सीन की खुराक पहुंचा दी जायेगी।

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फाइजर ने शुरू किया डिस्ट्रीब्यूशन

दूसरी ओर फाइजर कंपनी ने एफडीए के समक्ष वैक्सीन लॉन्चिंग के लिए आवेदन कर दिया है। अनुमति के प्रति आश्वस्त फाइजर ने अपनी वैक्सीन अमेरिका के विभिन्न शहरों में स्पेशल विमानों द्वारा पहुंचा भी दी है। कंपनी ने वैक्सीन के 95 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया था। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की एडवायजरी मीटिंग 10 दिसंबर को है, जब किसी वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है। इसी बैठक में वोटिंग होगी।

 

मॉडर्ना कंपनी ने साल के अंत तक अमेरिका के लिए दो करोड़ खुराकों के उत्पादन की उम्मीद जताई है। इसके अलावा साल 2021 में कंपनी ने दुनियाभर में सप्लाई के लिए 50-100 करोड़ खुराकों का उत्पादन करने की योजना तैयार की है।

ब्रिटेन के तैयारी अमेरिका से भी आगे

ब्रिटेन की तैयारियों को देखकर लगता है कि फाइजर की वैक्सीन को सबसे पहले अप्रूवल मिल जाएगा और 7 दिसंबर से इसकी डिलीवरी शुरू हो जाएगी। अमेरिका में फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) की एडवायजरी मीटिंग 10 दिसंबर को है, जब किसी वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल दिया जा सकता है।

अब तक सिर्फ चीन और रूस ने ही अपने वैक्सीन को लोगों को लगाने के लिए अप्रूवल दिया है। हालांकि, उनके फैसलों पर सवाल भी उठे हैं, क्योंकि उन्होंने यह अप्रूवल व्यापक समूहों में ट्रायल के नतीजे आने के पहले ही दे दिया था।

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ब्रिटेन की बोरिस जॉनसन सरकार चाहती है कि टीकाकरणकी प्रक्रिया क्रिसमस से पहले शुरू कर दी जाए। ब्रिटेन के नियामक मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी ने कहा है कि लोगों की सुरक्षा से समझौता किए बिना वह फाइजर वैक्सीन को कम से कम समय में मंजूरी दे देगी।

अमेरिका में इसी महीने लगेगी वैक्सीन

अमेरिका के नेशनल इंस्टि्टयूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिसीज के प्रमुख एंथनी फॉसी ने पहले ही कहा है कि हम प्राथमिकता वाले ग्रुप्स को दिसंबर खत्म होने से पहले वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे। प्राथमिकता वाले ग्रुप्स में स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंट लाइन वर्कर्स और वृद्ध लोग शामिल हैं।

दूसरी वैक्सीनों की बात करें तो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और एस्ट्राजेनेका द्वारा तैयार वैक्सीन के भी तीसरे चरण के ट्रायल में 70.4 प्रतिशत प्रभावी होने का दावा किया गया है। भारत की उम्मीद ऑक्सफ़ोर्ड की वैक्सीन पर ही सबसे ज्यादा टिकी हैं। इसके अलावा रूस की स्पुतनिक-5 वैक्सीन के बारे में भी बातचीत चल रही है।

नीलमणि लाल

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