कोरोना से पूरी दुनिया में मचा हाहाकार, चीन की इस बड़ी गलती से फैला वायरस
चीन के साथ ही जानलेवा कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में खौफ का माहौल है। यह वायरस कहां से आया? शहर के बाहर यह वायरस कैसे फैला? ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वुहान शहर से निकलकर भयानक रूप लेने वाले कोरोना वायरस फैलने के पीछ चीन की गलती है।
नई दिल्ली: चीन के साथ ही जानलेवा कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में खौफ का माहौल है। यह वायरस कहां से आया? शहर के बाहर यह वायरस कैसे फैला? ऐसे कई सवाल खड़े हो रहे हैं। वुहान शहर से निकलकर भयानक रूप लेने वाले कोरोना वायरस फैलने के पीछ चीन की गलती है।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वुहान के एक अस्पताल में डॉक्टर ली वेनलियांग को 30 दिसंबर को 7 मरीज रहस्यमयी बीमारी से पीड़ित मिले थे। इसके बाद उन्होंने सतर्कता बरतते हुए उन्हें तुरंत आइसोलेशन वॉर्ड में रखने के आदेश दिए हैं।
एक ऑनलाइन चैट करते हुए उन्होंने इसके बारे में जानकारी भी दी थी। तभी चैट पर उनसे एक व्यक्ति ने सवाल पूछा कि साल 2002 में करीब 800 लोगों की जान लेने वाली भयंकर एसएआरएस नामक बीमारी वापस आ गई है?
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अधिकारी के चैट लीक होने के बाद चीन की सरकार के कान खड़े हो गए। स्वास्थ्य विभाग ने उसी वक्त डॉक्टर ली को बुलाया और उनसे पूछा कि उन्होंने यह सूचना लोगों के साथ क्यों शेयर की। इस घटना के तीन दिन बाद पुलिस ने डॉक्टर ली की कार्यवाही को गैर-कानूनी ठहराया और उनसे एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर ले लिए।
यह प्रकोप एसएआरएस का नहीं, बल्कि कोरोना वायरस का था। इसी कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है। इस वायरस के चलते अब तक करीब 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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इतना ही नहीं, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस ने अब तक करीब 14,380 से ज्यादा लोगों को शिकार बनाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना वायरस को लेकर चीनी सरकार ने काफी लापरवाही बरती है। राजनीतिक शर्मिंदगी और लोगों में खौफ के डर से सरकार ने इसे प्राथमिक चरण पर रोकने की पूरी कोशिश नहीं की।
कोरोना वायरस का मूल गढ़ वुहान शहर के उस बाजार को बताया जा रहा है, जहां करीब 112 किस्म के जानवरों के मांस का कारोबार होता है। सूत्रों की मुताबिक, यहां सड़े-गले मांस की वजह से यह वायरस पहले सांप में दाखिल हुआ। ऐसे ही किसी सांप को खाने की वजह से इस वायरस ने इंसान के शरीर में जगह बनाई।
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वुहान के स्थानीय नागरिकों, डॉक्टर्स, सरकारी बयानों और चीन की मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद यह बात साबित होती है कि सरकार ने वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद सात हफ्ते तक समय बर्बाद कर दिया।
रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना वायरस का पहला मामला दिसंबर में ही सामने आ गया था, लेकिन सरकार ने इसे गंभीरता से लेने में देरी दिखाई। सरकार की ओर से जनवरी में कोरोना वायरस को लेकर पहला बयान जारी किया गया।
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वायरस फैलने के बाद सरकार ने अधिकारियों और डॉक्टर्स पर चुप रहने के लिए दबाव बनाकर रखा। जानकारी मिलने के अभाव में लोग इस वायरस से अनजान रहे और सही समय पर अपना बचाव नहीं कर पाए। वुहान के बाजारों पर भी यह कहकर ताले लगाए गए थे कि यहां की दुकानों को रेनोवेट किया जाना है।