कोरोना से देश की हालत खराब: पीएम मोदी करेंगे बैठक, लेंगे हालात का जायजा

चीन का कोरोना वायरस अब दुनिया के 96 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। भारत में भी अब 33 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें दिल्ली के 3 मरीज शामिल हैं। ऐसे में लोग काफी सर्तकता भी बरत रहे हैं।

Update: 2020-03-07 03:58 GMT

नई दिल्ली: चीन का कोरोना वायरस अब दुनिया के 96 देशों को अपनी चपेट में ले चुका है। भारत में भी अब 33 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें दिल्ली के 3 मरीज शामिल हैं। ऐसे में लोग काफी सर्तकता भी बरत रहे हैं। इसी को देखते हुए पीएम मोदी आज बैठक करेंगे और इस मुद्दे पर बात करेंगे।

इस मामले में दिल्ली एम्स के निदेशक डॉ। रणदीप गुलेरिया का कहना है कि, कोरोना वायरस दो मीटर से ज्यादा दूर नहीं जाता है। इसलिए सार्वजनिक स्थलों पर अगर जरूरी काम के सिलसिले में जाते हैं तो कम से कम दो मीटर की दूरी बनाने का प्रयास करें। हाथों को बार-बार इसलिए धोएं ताकि संक्रमण मुंह और नाक के जरिए फेफड़ों तक न पहुंचे।

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उन्होंने कहा कि इस समय हालात गंभीर जरूर हैं लेकिन घबराने से ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है। अगर कोई व्यक्ति प्रभावित देशों की यात्रा करके वापस लौटा है या फिर उससे कोई अन्य व्यक्ति संपर्क में आया है तो वह अपनी जांच करा सकता है। सभी राज्यों में सरकार ने जांच की सुविधा दी हुई है। इसके अलावा अगर किसी को जुकाम, बुखार, सिर दर्द या निमोनिया जैसी शिकायतें आती हैं तो वे भी डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ये एक प्रकार का इन्फ्लूएंजा है जिसके लक्षण फ्लू की तरह ही दिखाई देते हैं।

दुनिया में पहले से ही मौजूद है कोरोना

बता दें, दुनिया में कोरोना पहले से ही मौजूद है। अब तक इसके सात प्रकार के स्ट्रेन देखने को मिल चुके हैं। दो-दो एल्फा व बीटा के अलावा MERS, SARS के रूप में देखने को मिले हैं। पिछले साल 2019 में SARS-2 स्ट्रेन की शुरुआत हुई थी जो धीरे धीरे कोविड-19 में परिवर्तित होता चला गया। इसका प्रभाव बाकी स्ट्रेन की तुलना में ज्यादा घातक है। जिस वजह से चीन के साथ कई देशों में अब तक तीन हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

इन्हें सबसे ज्यादा है खतरा, सामान्य को नहीं

डॉक्टरों के अनुसार, एक सामान्य व स्वस्थ्य व्यक्ति में कोरोना संक्रमण पाया जाता है तो उसका बचाव आसानी से किया जा सकता है लेकिन अगर कोई व्यक्ति पहले से ही रोगी हो तो उसे ज्यादा खतरा है। मधुमेह, रक्तचाप के अलावा ह्दय से संबंधित रोग ग्रस्त मरीज के लिए ये संक्रमण घातक हो सकता है। वहीं गर्भवती महिलाएं और 60 वर्ष से ज्यादा आयु के लोगों के लिए कोरोना संक्रमण से बचना बेहद जरूरी है।

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सर्दियों में 8 से 10 घंटे रहता है असर

डॉक्टरों के मुताबिक, कोरोना वायरस का किसी भी वस्तु पर प्रभाव सर्दियों में 8 से 10 घंटे तक रहता है। जबकि गर्मियों में इसका प्रभाव एक से दो घंटे में ही खत्म हो जाता है। अभी तक ये कहा जा रहा है कि भारतीय मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन में तापमान में बढ़ोत्तरी होने का पूर्वानुमान जताया है। इसके बाद कोरोनावायरस का खात्मा हो जाएगा। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों में वायरस पूरी तरह से निष्क्रिय नहीं होता। प्रभाव जरूर पहले से कम हो जाता है।

दुनियाभर में देर रात तक इसके संक्रमितों की संख्या एक लाख के पार पहुंच गई। दुनिया के 96 देशों को चपेट में ले चुकी इस बीमारी से अब तक 3466 लोगों की मौत हो गई है। वैसे तो 56126 लोग इस बीमारी से जंग जीतकर ठीक भी हुए हैं। शुक्रवार को एशियाई देश भूटान में भी कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया। तो वहीं, ईसाइयों के पवित्र शहर बेथलेहम में पहला मामला सामने आने के बाद वहां आपातकाल घोषित कर दिया गया है।

मिली जानकारी के मुताबिक इसका सबसे ज्यादा कहर चीन में है जहां से इसकी शुरुआत हुई थी। शुक्रवार देर रात तक चीन में 80,576 लोग इससे संक्रमित थे और 3,042 लोगों की जान जा चुकी थी। कोरोना के 101,770 मरीजों में चीन के बाहर 21,194 लोग हैं। चीन के बाहर 370 लोगों की जान गई है। चीन के बाद कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित देश दक्षिण कोरिया है। जहां 6,593 लोगों में इसकी पुष्टि हुई है और 43 लोगों की मौत हुई है। वहीं, इटली में 4,636 लोग संक्रमित मिले हैं और 197 लोगों की जान गई है। इसके बाद ईरान में इसका कहर है। जहां पॉजिटिव मिले 4,747 मरीजों में से 124 की जान जा चुकी है।

लोगों की आवाजाही रोक रही ईरान सरकार

ईरान में फैलाते संक्रमण के चलते सरकार ने सख्ती का फैसला किया है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि दो शहरों के बीच लोगों की आवाजाही को सीमित करने के लिए बल प्रयोग किया जा सकता है। ईरानी स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, देश के सभी 31 प्रांतों में संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। इसके मद्देनजर लोगों को आवाजाही सीमित करने की सलाह दी गई है। ईरान में विदेश मंत्री के सलाहकार हुसैन शेखोलेसलाम की कोरोना से मौत हो गई है। उन्होंने 1979 के अमेरिकी दूतावास बंधक संकट में भी हिस्सा लिया था।

कोरोना वायरस का संदिग्ध रोगी अस्पताल से हुआ फरार

कोरोना वायरस का संदिग्ध रोगी आयरलैंड का नागरिक बृहस्पतिवार को यहां के एक अस्पताल से फरार हो गया। तलाश किए जाने पर ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के एक होटल में उसका पता चला, जिसके बाद उसे वहां अलग रखा गया। उसके साथ संपर्क में आने वाले एक अन्य व्यक्ति को भी उसके साथ रखा गया। कोरोना वायरस के मामलों में प्रोटोकॉल के मुताबिक उन्हें 14 दिनों तक आवश्यक रूप से अलग रखा जाएगा।

विदेशी नागरिक SCB मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से फरार हो गया जिसके बाद मंगलाबाग थाने में शिकायत दर्ज कराई गई। वो 26 फरवरी से व्यावसायिक दौरे पर भारत आया हुआ था और भुवनेश्वर के होटल में रह रहा था।

ऐसे हुआ फरार

उस 37 वर्षीय व्यक्ति को दो दिनों से बुखार था और उसे जुकाम था जिसके बाद वो महानगर में कैपिटल अस्पताल में अपने सहयोगी के साथ जांच के लिए गया था। कैपिटल अस्पताल के निदेशक डॉ। अशोक पटनायक ने कहा, 'जब चिकित्सक ने उसे 14 दिनों तक अलग रहने की सलाह दी तो सहयोगी ने सुझाव दिया कि उसे एससीबी मेडिकल कॉलेज कटक भेजा जाए जहां बेहतर सुविधाएं हैं।' अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद बिना किसी के साथ दोनों SCB मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचे।अस्पताल के आपातकालीन अधिकारी डॉ। बी एन महराना ने कहा, 'वहां पहुंचने पर जब सहायक को पता चला कि उसे भी अलग वार्ड में भर्ती किया जाएगा तो दोनों वहां से फरार हो गए'।

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होटल में मिले

मामला पुलिस के संज्ञान में लाए जाने पर अलर्ट घोषित किया गया।कैपिटल अस्पताल के अधिकारी भी चिंतित हो गए क्योंकि उन्होंने दोनों को बिना किसी के साथ कटक जाने दिया। उन्होंने उनकी तलाश शुरू कर दी और उनका पता भुवनेश्वर के होटल में चला। कैपिटल अस्पताल के निदेशक ने कहा, ‘दोनों की उपयुक्त काउंसिलिंग के बाद उन्हें अलग रखा गया है। जरूरत पड़ने पर उनके रक्त एवं लार के नमूने भी एकत्रित किए जाएंगे और प्रोटोकॉल के मुताबिक जांच के लिए पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान भेजा जाएगा।’

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