Covid Variant BF.7: कोरोना का बीएफ वेरियंट तो बहुत पहले से है मौजूद लेकिन सावधान रहना है जरूरी
Covid Variant BF.7: कई यूरोपीय देशों सहित दुनिया भर के कई अन्य देशों में ये वेरियंट पाया गया है। लेकिन ये वेरियंट लगभग दो वर्षों से प्रचलन में है, भले ही इसने बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है।
Covid Variant BF.7: तीन साल पहले कोरोना वायरस के उभरने के बाद से ये वायरस लगातार बदलता जा रहा है और इसमें उम्मीद से अधिक तेजी से जेनेटिक बदलाव हो रहा है। चीन और कई अन्य देशों में फैले कोरोना का बीएफ 7 वेरिएंट कोई अचानक सामने नहीं आया है। ये वेरिएंट यूनाइटेड किंगडम, अमेरिका, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और डेनमार्क जैसे कई यूरोपीय देशों सहित दुनिया भर के कई अन्य देशों में पाया गया है। लेकिन ये वेरियंट लगभग दो वर्षों से प्रचलन में है, भले ही इसने बहुत ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया है।
इंडिया टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा जारी किए गए आंकड़ों बताते हैं कि 91 देशों में फरवरी 2021 से बीएफ 7 के जेनेटिक मेक-अप और म्यूटेशन प्रोफाइल से मेल खाने वाला एक वेरिएंट पाया गया था। मई 2022 में इसे ओमीक्रान वंश के तहत बीएफ 7 (बीए 5.2.1.7) नाम दिया गया। एक्सपर्ट्स का कहना है कि बीएफ 7 पर अचानक इतनी चिंता हैरानी की बात है। क्योंकि नमूनों की सीक्वेंसिंग से पता चला है कि इस वैरिएंट का प्रसार दुनिया भर में 0.5 फीसदी है। इस वैरिएंट को पिछले साल 26 फरवरी को पहचाने जाने के बाद से दुनिया भर में केवल 47,881 सीक्वेंसिंग नमूनों में देखा गया है।
पिछले 22 महीनों में कई देशों में अपनी उपस्थिति के बावजूद, बीएफ 7 ने एक्सबीबी और बीक्यू.1.1 जैसे ओमीक्रॉन सब वेरियंट्स की तुलना में कुल कोरोना मामलों में महत्वपूर्ण योगदान नहीं दिया है। दुनिया भर में BF.7 की संचयी व्यापकता दर 0.5 फीसदी रही है, जो दर्शाती है कि इसमें सीमित विकास क्षमता है। इंसाकॉग के जीनोम सीक्वेंसिंग प्रोग्राम से जुड़े एक वायरोलॉजिस्ट ने कहा, "इसलिए, डराने की कोई बात नहीं है।"
ओमीक्रान क्रॉन के बीए.5 का भारत में कम प्रसार है। जबकि एक्स बीबी वेरियंट देश में प्रमुख प्रकार है, जिसे 73 फीसदी से अधिक कोरोना पॉजिटिव नमूनों में देखा गया है।
बीएफ 7 की प्रतिरक्षा-विरोधी विशेषताओं और चीन में इसके विकास के बारे में चिंताजनक संकेतों के बावजूद, ये वेरियंट अन्यत्र काफी स्थिर प्रतीत होता है। उदाहरण के लिए, अमेरिका में 10 दिसंबर तक 5.7 फीसदी संक्रमण होने का अनुमान लगाया गया था, जो पिछले सप्ताह 6.6 फीसदी था।
यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी ने अक्टूबर में प्रकाशित एक तकनीकी ब्रीफिंग में विकास और तटस्थता डेटा दोनों के संदर्भ में बीएफ.7 को सबसे अधिक संबंधित प्रकारों में से एक के रूप में पहचाना था। यह उस समय यह 7 फीसदी से अधिक मामलों के लिए जिम्मेदार था। सबसे हालिया ब्रीफिंग में बताया गया है कि ब्रिटेन में कम घटनाओं और कम विकास दर के कारण बीएफ.7 को डी-एस्केलेट यानी उसका लेवल नीचे कर दिया गया है।
बीएफ 7 पर इतनी दहशत क्यों
एक्सपर्ट्स के अनुसार, चीन में उछाल को बीएफ 7 की दहशत के रूप में समझा जा सकता है। वहां ये काफी हद तक अतिसंवेदनशील आबादी में घूम रहा है जिसमें कोरोना संक्रमण की दर कम है। चीन में इस्तेमाल होने वाले टीकों की सीमित प्रभावशीलता को भी देखा जाना चाहिए। इसके अलावा चीन में बड़ी आबादी में कोरोना के प्रति प्राकृतिक इम्यूनिटी नहीं बनी है।
बहरहाल, चीन में असलियत क्या है इसके बारे में सीमित जानकारियां हैं। ऐसे में चिंता की बड़ी बात ये है कि कोरोना वायरस में आगे विकसित होने की क्षमता है। कमजोर लोगों के बीच गंभीर बीमारी पैदा करने की क्षमता के साथ इम्यूनिटी को भेदने वाला अधिक विकसित वायरस सामने आ सकता है। वायरस जितना ज्यादा फैलेगा, उतना ज्यादा इसके म्यूटेट हो कर नए स्वरूप में आने की संभावनाएं रहेंगी।ऐसे में वायरस की निरंतर निगरानी करने और एहतियात तथा की तैयारियों की योजनाओं को लागू करने की आवश्यकता है।