Corona Infection: भांग से रुकेगा कोरोना का संक्रमण, अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से शोधकर्ताओं ने किया शोध

Corona Infection: अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्ध शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, भांग में पाए जाने वाले कुछ कंपाउंड कोशिकाओं में कोरोना वायरस के प्रवेश को ब्लाक कर सकते हैं। ये शोध जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स में प्रकाशित किया गया है।

Report :  Neel Mani Lal
Published By :  Deepak Kumar
Update:2022-01-12 18:40 IST

Coronavirus: भांग से रुकेगा कोरोना का संक्रमण

Corona Infection: एक नई रिसर्च में पता चला है कि भांग के पौधे में एक ऐसा तत्त्व होता है जो कोरोना के संक्रमण से बचाता है। अमेरिका की ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी (Oregon State University of America) से संबद्ध शोधकर्ताओं के एक अध्ययन के अनुसार, भांग में पाए जाने वाले कुछ कंपाउंड कोशिकाओं में कोरोना वायरस के प्रवेश को ब्लाक कर सकते हैं। ये शोध जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स (Journal of Natural Products) में प्रकाशित किया गया है।

शोधकर्ताओं ने रिसर्च में पाया कि भांग की हेम्प किस्मों में पाए जाने वाले दो कैनाबिनोइड एसिड-कैनाबीगेरोलिक एसिड, सीबीजीए और कैनाबीडियोलिक एसिड, सीबीडीए कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन से जुड़ सकते हैं। स्पाइक प्रोटीन से जुड़कर ये कंपाउंड वायरस को कोशिकाओं में प्रवेश करने और संक्रमण पैदा करने से रोक सकते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस नई खोज से बीमारी को रोकने और इलाज का एक नया रास्ता खुल सकता है।

ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक कर रहे शोध

शोधकर्ताओं ने लिखा है कि खाए जा सकने वाले इस जैविक पदार्थ का उपयोग इंसानों के लिए सुरक्षित है। पृथक रूप से या या हेम्प के अर्क के रूप में इन कैनबिनोइड्स की कोरोना संक्रमण (coronavirus) को रोकने और इलाज करने की क्षमता है। ये अध्ययन ओरेगन हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (Oregon Health and Science University) के वैज्ञानिकों के सहयोग से, कॉलेज ऑफ फार्मेसी (college of pharmacy) और लिनुस पॉलिंग इंस्टीट्यूट (Linus Pauling Institute) में ओरेगन स्टेट के ग्लोबल हेम्प इनोवेशन सेंटर (Global Hemp Innovation Center) के शोधकर्ता रिचर्ड वैन ब्रीमेन (Researcher Richard van Breemen) की टीम द्वारा किया गया था।

वैन ब्रीमन (Researcher Richard van Breemen) ने कहा जिन कैनबिनोइड्स पर अध्ययन किया गया वह आम किस्म के थे और वह आसानी से उपलब्ध हैं। वैन ब्रीमेन (Researcher Richard van Breemen) ने कहा कि कैनाबिनोइड एसिड हेम्प और हेम्प के कई तरह के अर्क में प्रचुर मात्रा में होते हैं। उन्होंने कहा कि ये एसिड टीएचसी जैसे नियंत्रित पदार्थ नहीं हैं। दरअसल, मारिजुआना या गंजे में जो नशीला तत्व पाया जाता है उसे टीएचसी कहा जाता है। हेम्प और भांग यूं तो एक ही नस्ल के पौधे होते हैं लेकिन हेम्प में टीएचसी की मात्रा कम होती है इसीलिए उसे कई देशों में इंडस्ट्रियल हेम्प भी कहा जाता है।

यूके और साउथ अफ्रीका में पाए गए कोरोना वेरिएंट के खिलाफ बराबर प्रभावी हेम्प

वैन ब्रीमेन (Researcher Richard van Breemen) ने कहा कि सीबीडीए और सीबीजीए में कोरोना वायरस के नई वेरिएंट को भी ब्लॉक करने की क्षमता पाई गई है। उन्होंने कहा कि हमारे शोध से पता चला है कि हेम्प के कंपाउंड कोरोना वायरस के यूनाइटेड किंगडम और साउथ अफ्रीका में पाए गए वेरिएंट के खिलाफ भी बराबर से प्रभावी है। उन्होंने ये भी कहा कि हेम्प के कंपाउंड न सिर्फ वायरस के संक्रमण को ब्लाक करते हैं बल्कि इनमंन संक्रमण से हुई बीमारी के इलाज की भी क्षमता है।

कोरोना वेरिएंट में वैक्सीनों का प्रयोग करना होगा हितकर

वैन ब्रीमेन (Researcher Richard van Breemen) ने कहा कि कोरोना वायरस की चुनौतियों का सामना करने में वैक्सीनों के साथ कैनाबिनोइड ट्रीटमेंट उपयोगी साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि कैनाबिनोइड के व्यापक इस्तेमाल के बावजूद प्रतिरोधी वेरिएंट उत्पन्न हो सकते हैं इसीलिए वैक्सीनों का भी प्रयोग करना हितकर होगा। उन्होंने ये भी कहा कि उनका अध्ययन एक प्रारंभिक शोध है और इस बारे में अभी और अध्ययन किए जाने की जरूरत है।

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