Russian crude Oil Sri Lanka: श्रीलंका को रूस से मिला क्रूड ऑयल, एकमात्र तेल रिफाइनरी में परिचालन फिर शुरू
ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसे केरा ने एक संदेश में कहा कि, 'पेट्रोल की कीमतों में 20 से 24 प्रतिशत की वृद्धि होगी। डीजल की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 35 से 38 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
Russian crude Oil Sri Lanka : आर्थिक रूप से भीषण संकट में डूबे श्रीलंका (Economic Crisis In Sri Lanka) को अब रूसी तेल का सहारा मिला है। दिवालिया हो चुका श्रीलंका इस समय पेट्रोल (Petrol) , गैस और डीजल (Diesel) से लेकर हर चीज की गंभीर कमी का सामना कर रहा है। रूसी तेल मिलने के साथ श्रीलंका की एकमात्र रिफाइनरी फिर से शुरू हो चुकी है। साइबेरियन लाइट के रूसी ग्रेड को श्रीलंका स्थित सपुगस्कंदा में सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (Ceylon Petroleum Corporation) की रिफाइनरी में संसाधित किया जाएगा।
बता दें कि, सीलोन पेट्रोलियम देश की एकमात्र रिफाइनरी है। बिजली और ऊर्जा मंत्री के अनुसार, 'रिफाइनरी अब रूसी क्रूड (Russian Crude) प्राप्त करने के लिए और दो महीने में पहली बार रिफाइनरी फिर से शुरू करने में सक्षम है।'
श्रीलंका रूसी क्रूड का नया खरीदार
यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण (Ukraine-Russia War) के बाद व्यापक निंदा और प्रतिबंधों के बीच श्रीलंका रूसी कच्चे तेल को स्वीकार करने वाला नवीनतम एशियाई राष्ट्र है। अमेरिका और पूरे यूरोप में अधिकांश रिफाइनरियों ने ओपेक प्लस उत्पादकों (OPEC Plus Producers) से खरीद रोक दी है। जिससे रूसी तेल की कीमत घट गई। कीमत घटने से चीन और भारत समेत कई एशियाई ग्राहकों द्वारा खरीदारी बढ़ गई है।
श्रीलंका कैसे करेगा भुगतान
सपुगस्कंदा रिफाइनरी के अध्यक्ष विक्रम विजेसिंघे ने बताया, कि 'उनकी रिफाइनरी साइबेरियन लाइट क्रूड (Siberian Light Crude) का उपयोग कर रही है। उन्होंने बताया, 'साइबेरियन लाइट क्रूड कच्चे तेल के कई ग्रेडों में से एक है। जिसे उनकी रिफाइनरी अबू धाबी के मुरबन और ईरानी लाइट ऑयल के साथ संसाधित कर सकती है।' हालांकि, ये अभी भी स्पष्ट नहीं है कि श्रीलंका शिपमेंट के लिए भुगतान कैसे करेगा।
20 मार्च के बाद उतरे कच्चे तेल
सपुगस्कंदा रिफाइनरी 20 मार्च के बाद पहली बार कच्चे तेल के माल को उतारने के साथ परिचालन शुरू कर चुकी है। ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकेरा ने 27 मई को ट्वीट किया, कि रिफाइनरी छह दिनों में ईंधन तेल का उत्पादन शुरू कर देगी।
पोत ने डाला लंगर
वहीं, ब्लूमबर्ग द्वारा संकलित शिप ट्रैकिंग डेटा के अनुसार, साइबेरियन लाइट के कार्गो को ले जाने वाला पोत निसोस डेलोस एक महीने के लिए पास में लंगर डालने के बाद, एक सिंगल-पॉइंट मूरिंग में चला गया है। जहां से उसे डिस्चार्ज किया जा सकता है। यह 29 मार्च को नोवोरोसिस्क के काला सागर बंदरगाह पर लोड किया गया था। कोरल एनर्जी के नाम से एक व्यापारी द्वारा चार्टर्ड किया गया था।
इतिहास के सबसे बुरे दौर में श्रीलंका
भोजन से लेकर तेल तक हर चीज की कमी के साथ श्रीलंका देश के स्वतंत्र इतिहास के अपने सबसे खराब वित्तीय संकट का सामना कर रहा है। ईंधन की आपूर्ति इतनी कम है कि सरकार ने नागरिकों से कहा है कि वे फिलिंग स्टेशनों पर गैसोलीन के लिए कतार में न लगें।
श्रीलंका में ईंधन की भारी कमी
श्रीलंका अपने तट से दूर टैंकरों पर बैठे तेल का भुगतान करने के लिए नकदी के साथ आने की कोशिश कर रहा है। क्योंकि, इसकी ईंधन की कमी बनी हुई है। श्रीलंका ने 24 मई को ईंधन और परिवहन की कीमतों में वृद्धि की ताकि खराब आर्थिक संकट से निपटने के लिए कुछ उपाय किया जा सके। लेकिन ये बढ़ोतरी कम से कम अल्पावधि में सरपट मुद्रास्फीति को और भी बढ़ाएगी।
बढ़ेंगे तेल के दाम
बिजली और ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसे केरा ने ट्विटर पर एक संदेश में कहा कि, 'पेट्रोल की कीमतों में 20 से 24 प्रतिशत की वृद्धि होगी। जबकि, डीजल की कीमतों में तत्काल प्रभाव से 35 से 38 प्रतिशत की वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने इसी हिसाब परिवहन और अन्य सेवा शुल्कों के संशोधन को भी मंजूरी दी है।'
घर से काम को प्रोत्साहन
विजेसेकेरा ने यह भी कहा, कि लोगों को ईंधन के उपयोग को कम करने और ऊर्जा संकट का प्रबंधन करने के लिए" घर से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकारी अपने संस्थान के प्रमुख द्वारा निर्देश दिए जाने पर ही कार्यालय से काम करेंगे। प्रत्येक उपभोक्ता कितना खरीद सकता है, इसकी दैनिक सीमा जारी रहेगी। इस बीच अर्थशास्त्रियों ने कहा है कि ईंधन और परिवहन की कीमतों में बढ़ोतरी भोजन और अन्य सामानों के माध्यम से होगी।