US और ईरान में युद्ध की आशंका के बीच जानिए क्यों तेल की कीमतों में लगेगी आग

ईरान द्वारा अमेरिकी सेना का एक ड्रोन मार गिराने और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ड्रोन गिराने की खबर आने के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत तीन फीसदी से अधिक उछलकर प्रति बैरल 64 डॉलर पर पहुंच गई।

Update: 2019-06-20 17:58 GMT

न्यूयॉर्क: ईरान द्वारा अमेरिकी सेना का एक ड्रोन मार गिराने और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंका प्रबल हो गई है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि ड्रोन गिराने की खबर आने के तुरंत बाद कच्चे तेल की कीमत तीन फीसदी से अधिक उछलकर प्रति बैरल 64 डॉलर पर पहुंच गई।

ईरान ने अमेरिका के एक जासूसी ड्रोन को मार गिराया। इसके बाद ट्रंप ने ट्वीट किया, ''ईरान ने बड़ी गलती कर दी है।'' इसे अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के तौर पर देखा गया और कच्चे तेल के बाजार में उछाल आ गया।

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कारोबार के दौरान वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट 6.30 प्रतिशत उछलकर 57.13 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। इसी तरह लंदन में ब्रेंट क्रूड का वायदा 4.70 प्रतिशत उछलकर 64.69 डॉलर प्रति बैरल पर बोला गया।

गुरुवार सुबह ब्रेंट क्रूड की कीमत सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर 1.40 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 63.22 डॉलर पहुंच गई, इससे पहले यह 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 63.88 डॉलर पर पहुंची थी।

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अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए बुधवार को अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी अगली बैठक में मुख्य ब्याज दर में कटौती का संकेत दिया है और यूएस क्रूड इनवेंट्री में गिरावट से भी तेल की कीमतों में बढ़ोतरी तय है। अमेरिका दुनिया में सर्वाधिक तेल खपत करने वाला देश है।

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ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज और रूस सहित सहयोगी राष्ट्रों ने इस सप्ताह 1-2 जुलाई को बैठक की सहमति जताई है, जिसके साथ ही बैठक की टाइमिंग को लेकर एक महीने से जारी गतिरोध खत्म हो गया। ओपेक प्लस तेल उत्पादन में रोजाना 12 लाख बैरल की कटौती पर डील को आगे बढ़ा सकता है। यह डील जून में सप्ताह हो रही है।

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