'डे' इन हिस्ट्री, 27 अगस्त: इस दिन बम धमाके में मारे गए थे भारत के आखिरी अंग्रेज अफसर
लखनऊ: 27 अगस्त को लॉर्ड लुइस माउंटबेटन की एक बम धमाके में मौत हो गई थी। ये हमला आतंकियों की तरह से किया गया था। माउंटबेटन को भारत का आखिरी अंग्रेज अफसर कहा जाता है। इस दिन इतिहास की कुछ बहुत महत्वपूर्ण घटनाएं हुईं। तो आईए नज़र डालते हैं, इस दिन घटी ऐतिहासिक घटनाओं पर-
आतंकी हमले में गई माउंटबेटन की जान
27 अगस्त 1979 के दिन लुईस माउंटबेटन की आयरिश रिपब्लिक आर्मी ने बम से उड़ाकर हत्या कर दी। इस धमाके में उनके साथ दो लोग और भी मारे गए। मरने वालों में उनका 14 वर्ष का पोता भी शामिल था। इस धमाके के तुरंत बाद आयरिश रिपब्लिक आर्मी ने इसकी जिम्मेदारी ले ली। लुईस माउंटबेटन ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसराय रह चुके थे। आयरिश रिपब्लिक आर्मी एक उग्रवादी संगठन था।
27 अगस्त 1916 के दिन रोमानिया प्रथम विश्व युद्ध का हिस्सा बना। यह घोषणा उसने ऑस्ट्रिया-हंगरी साम्राज्य के ऊपर हमला करके की। प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत से ही रोमानिया के ऑस्ट्रिया के साथ संबंध अच्छे नहीं चल रहे थे। दोनों के बीच सीमा को लेकर विवाद था। इसमें ट्रांसिलविनिया का इलाका विवाद का प्रमुख केंद्र था और यह ऑस्ट्रिया के कब्जे में था।
1916 के आते-आते रोमानिया ने जब देखा कि रूस पूर्वी मोर्चे पर ऑस्ट्रिया पर भारी पड़ रहा है, तब उसने सोचा कि इस मौके का फायदा उठाकर ट्रांसिलविनिया को जीता जा सकता है। हालांकि, इस पूरी लड़ाई में उसके करीब साढ़े तीन लाख सैनिकों को जान गंवानी पड़ी।
27 अगस्त 1999 के दिन सोनाली बनर्जी भारत की प्रथम महिला मरीन इंजीनयर बनीं। इस प्रकार उन्होंने अपने बचपन का सपना साकार किया। इस पद पर नियुक्त होते समय वे केवल 22 वर्ष की थीं। इससे पहले उन्होंने इस पद पर नियुक्त होने के लिए चार साल का कोर्स किया था। बचपन से ही सोनाली दुनिया की सैर करना चाहती थीं। उनका यही सपना उन्हें इस पद के करीब लाया था। उन्हें बचपन से ही समुद्र और जहाजों से एक अलग ही लगाव था।
ये भी पढ़ें...हे प्रभु ! रेल हादसों से मौत का महीना बनता जा रहा आजादी वाला ‘अगस्त’