हम देश नहीं झुकने देंगे: भारत का गौरव नहीं होगा धूमिल, कूटनीतिक से निकलेगा हल
सरकार लगातार पूरी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। किसी भी स्थिति में भारत के गौरव को धूमिल नहीं होने देगी।' उन्होंने कहा कि चीन के साथ नियंत्रण रेखा पर पिछले कुछ दिनों से चले आ रहे विवाद को दूर करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता जारी है।
नई दिल्ली: कोरोना काल में पिछले कुछ दिनों से चीन और भारत के सैनिकों में काफी तनाव रहा है। यह तनाव पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास यानी LAC के आसपास चीन और भारतीय सेना के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस मुद्दे को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 'सरकार लगातार पूरी घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए है। किसी भी स्थिति में भारत के गौरव को धूमिल नहीं होने देगी।' उन्होंने कहा कि चीन के साथ नियंत्रण रेखा पर पिछले कुछ दिनों से चले आ रहे विवाद को दूर करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर वार्ता जारी है।
मेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी मध्यस्थता की पेशकश
पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से मध्यस्थता की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने अमेरिकी रक्षामंत्री मार्क टी एस्पर से फोन पर बात की है और उन्हें बता दिया है कि भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव को दूर करने के लिए कूटनीतिक व सैन्य स्तरों पर वार्ता का दौर जारी है और हमें उम्मीद है कि हम बहुत जल्द बातचीत से कोई हल जरूर निकाल लेंगे।
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बता दें कि विदेश मंत्रालय ने दो दिन पहले ही इस पेशकश को खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री से बात कर इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। रक्षामंत्री ने एक न्यूज चैनल से कहा, मेरी कल अमेरिकी रक्षा मंत्री से बात हुई है। मैंने उसने से कहा कि हमारे पास पहले से व्यवस्था बनी हुई जिसके तरह भारत और चीन में किसी कभी भी इस तरह की कोई समस्या आती है तो उसे सैन्य एवं कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से सुलझाया जाता है।
भारत का गौरव किसी स्थिति में नहीं होगा धूमिल-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बार फिर दोहराया कि मैं देशवासियों को आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि भारत के गौरव को किसी भी स्थिति में धूमिल नहीं होने दिया जाएगा। भारत अपने पड़ोसी देशों से हमेशा से अच्छे संबंध रखता आया है और उसी नीति का पालन कर रहा है। हमारी नीति स्पष्ट है और हम काफी लंबे समय से इसका पालन करते आ रहे हैं। ऐसा नहीं है कि चीन के साथ पहली बार इस तरह का विवाद हुआ है। पहले भी हमले वार्ता के जरिए विवादों को सुलझाया है।
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