Delta Variant: रिसर्च में हुआ खुलासा, Covid से उबरने के बाद अगर नहीं लगवाई वैक्सीन तो होगी समस्या

Delta Variant: कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से ठीक होने के बाद वैक्सीन नहीं लगवाने से बड़ी समस्या हो सकती है। एक रिसर्च में इस बात क दावा किया गया है, देखें रिपोर्ट-

Newstrack :  Network
Published By :  Satyabha
Update:2021-07-11 17:03 IST

डेल्टा वेरिएंट फोटो (सोशल मीडिया)

Delta Variant: कोरोना संक्रमण (Coronavirus) से ठीक होने के बाद वैक्सीन नहीं लगवाने से बड़ी समस्या हो सकती है। एक रिसर्च में यह दावा किया गया है कि कोरोना से उबरने के बाद टीका रहित लोगों के कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित होने का खतरा चार गुना अधिक रहता है। यह रिपोर्ट कोरोना से उबरे उन लोगों के भ्रम को दूर कर देती है जो यह समझते हैं कि उन्हें टीका नहीं लगवाने के बावजूद अब जल्दी कोरोना संक्रमण नहीं होगा।

विशेषज्ञों ने कोरोना से 12 महीने पहले संक्रमित पाए गए लोगों के सीरम के अध्ययन में पाया कि इनमें कोरोना के अल्फा वेरिएंट के मुकाबले डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ लड़ने की क्षमता चार गुना कम थी।

दोनों खुराक 80 प्रतिशत असरदार  

रिसर्च में पाया गया कि कोविशील्ड और फाइजर जैसे टीके की केवल एक खुराक डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ 10 प्रतिशत से ज्यादा प्रभावी नहीं हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन लोगों ने दोनों खुराक ली थी, उनमें से 95 प्रतिशत लोगों में डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ असरदार एंटीबॉडी मिली। एक अन्य शोध में डेल्टा के खिलाफ फाइजर और बायोएनटेक के टीके की दोनों खुराक 80 प्रतिशत असरदार पाई गई। इसके अलावा कोविशील्ड की दोनों खुराक का असर 60 प्रतिशत से अधिक था। इसलिए वैक्सीन का दोनों खुराक लेना जरूरी है।

अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ जांच

रिसर्च के लिए वैक्सीन की केवल एक खुराक लेने वाले लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए। इसके बाद सैंपल को कोरोना के अल्फा, बीटा और डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ जांचा गया। अल्फा वेरिएंट सबसे पहले ब्रिटेन के केंट में, बीटा वेरिएंट दक्षिण अफ्रीका में और डेल्टा वेरिएंट भारत में मिला था। इस रिसर्च में यह सामने आया कि टीके की एक खुराक से शरीर में पर्याप्त एंटीबॉडी नहीं बनतीं। दोनों खुराक ही आवश्यक है।

संक्रमण में से 70 प्रतिशत की वजह डेल्टा वायरस 

वैश्विक स्तर पर पाए जाने वाले कुल नए कोरोना संक्रमण में से 70 प्रतिशत की वजह डेल्टा वायरस है। ब्रिटेन में कोरोना संक्रमण में डेल्टा वेरिएंट का योगदान 96 प्रतिशत से अधिक है, तो फ्रांस में यह योगदान 40 प्रतिशत है। यह अमेरिका में भी अपने पांव तेजी से पसार रहा है। ब्रिटेन में शुक्रवार को एक दिन में साढ़े 35 हजार से अधिक नए संक्रमित मिले और आशंका जताई जा रही है कि प्रतिदिन के संक्रमण का यह आंकड़ा एक लाख को पार कर सकता है।

त्रिपुरा इस वेरिएंट का हॉटस्पॉट बनकर उभरा 

भारत के कई राज्यों में अब तक डेल्टा प्लस वेरिएंट के कई मामले मिल चुके हैं। लेकिन त्रिपुरा इस वेरिएंट का हॉटस्पॉट बनकर उभरा है। त्रिपुरा से लिए गए नमूनों की जांच में 90 प्रतिशत लोग डेल्टा प्लस से संक्रमित पाए गए। बड़ी संख्या में संक्रमण को देखते हुए राज्य में वीकेंड कर्फ्यू लगा दिया गया है। राज्य के अधिकारियों के मुताबिक 151 नमूने पश्चिम बंगाल की एक सरकारी प्रयोगशाला में भेजे गए थे, जिनमें से 138 नमूने डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित पाए गए।

यहां बढ़ रहें केस

फिलहाल इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका, रूस, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इजरायल और दक्षिण कोरिया समेत कई देशों में डेल्टा के मामले तेजी से बढ़े हैं।

Tags:    

Similar News