America-India Relations: डोनाल्ड ट्रंप की वापसी, क्या होगा भारत पर असर?

America-India Relations: डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश नीति ने लगातार अमेरिका हित और रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया है। चीन पर डोनाल्ड ट्रम्प का रुख भारत की चिंताओं से मेल खाता है।

Report :  Neel Mani Lal
Update:2024-11-06 14:08 IST

US Election Result (Pic: Social Media)

US Election Result:  डोनाल्ड ट्रंप की जीत से भारत पर क्या असर होगा, ये बड़ा सवाल है। ट्रम्प का मूल चुनावी - राजनीतिक मंत्र रहा है - अमेरिका फर्स्ट और मेक अमेरिका ग्रेट अगेन। वे इमिग्रेशन को कंट्रोल करने, आयात पर शुल्क लगाने और अमेरिकी लोगों को नौकरी में प्राथमिकता देने की बात करते हैं। साथ ही वे भारत, पीएम मोदी और हिंदुओं के सपोर्ट में खड़े हुए हैं। डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश नीति ने लगातार अमेरिका हित और रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया है। उनकी नीति भारत के आर्थिक और रक्षा परिदृश्य को सीधे प्रभावित करने का वादा करती है। ट्रम्प युद्ध की खिलाफत करते हैं, चाहे वो यूक्रेन की बात हो या इजरायल की। यही स्टैंड भारत का भी है।

रक्षा और सुरक्षा

चीन पर डोनाल्ड ट्रम्प का रुख भारत की चिंताओं से मेल खाता है। ट्रम्प के नेतृत्व में रक्षा सहयोग और भी गहराने की संभावना है। ट्रम्प के प्रशासन ने पहले ही इंडो-पैसिफिक में चीनी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच सुरक्षा साझेदारी "क्वाड" को मजबूत किया है। चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसी देशों के साथ तनाव के बीच अतिरिक्त संयुक्त सैन्य अभ्यास, हथियारों की बिक्री और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत कर सकते हैं।

आर्थिक और व्यापार नीतियाँ

डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व वाला प्रशासन संभवतः अमेरिका-केंद्रित व्यापार नीतियों को प्राथमिकता देगा, जिससे भारत पर व्यापार बाधाओं को कम करने या टैरिफ का सामना करने का दबाव पड़ सकता है। भारत के आईटी, फार्मास्यूटिकल्स और टेक्सटाइल क्षेत्र, जो अमेरिका को महत्वपूर्ण निर्यात करते हैं, विशेष रूप से प्रभावित हो सकते हैं।अमेरिकी कंपनियों को अपनी सप्लाई चेन को अन्यत्र स्थानांतरित करने के लिए प्रोत्साहित करके चीन पर निर्भरता कम करने के लिए ट्रम्प का प्रयास भारत के पक्ष में काम कर सकता है। ट्रम्प की अनुकूल नीतियों के साथ भारत अमेरिकी कंपनियों को आकर्षित कर सकता है। जिससे भारत को आर्थिक रूप से बढ़ावा मिलेगा।

इमिग्रेशन और एच-1बी वीजा

इमिग्रेशन के मामले में ट्रम्प सख्त विचार रखते हैं। इस मामले में ट्रम्प की कठोर नीतियों, खास तौर से एच-1बी वीजा पर रोक ने अमेरिका में भारतीय प्रोफेशनल्स पर काफी असर डाला है। ट्रम्प के साथ ऐसी नीतियों की वापसी से भारतीय कामगारों को अमेरिका में नौकरी पाना बहुत जटिल हो जाएगा। इससे भारतीय प्रोफेशनल श्रमिकों पर निर्भर टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, सख्त इमिग्रेशन कानून के चलते भारतीय टेक कम्पनियों को अमेरिका की बजाए कहीं और का रुख करना होगा।

राजनीतिक प्रभाव

दक्षिण एशिया में डोनाल्ड ट्रम्प की नीतियाँ भारत के क्षेत्रीय हितों को भी प्रभावित कर सकती हैं। ट्रम्प ने पाकिस्तान के साथ काम करने की इच्छा तो दिखाई है, लेकिन उन्होंने आतंकवाद विरोधी प्रयासों में पाकिस्तान की जवाबदेही पर भी जोर दिया है। ट्रम्प के “शक्ति के माध्यम से शांति” मंत्र से उम्मीद है कि अमेरिका आतंकवाद और उग्रवाद पर कड़ा रुख अपना सकता है। ये रुख भारत के लिए सहायक होगा। ट्रम्प ने बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचार पर चिंता जताई है। इससे उम्मीद जगती है कि उनका प्रशासन हिंदुओं के पक्ष में रुख अपनाएगा और कोई कार्रवाई जरूर करेगा।  

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