Donald Trump: भारत को एक बार फिर डोनाल्ड ट्रंप ने दी धमकी, हिंदुस्तान के इस रवैये से बिफरे ट्रंप

Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत को टैरिफ की धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाता है, तो वह भी भारतीय उत्पादों पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। ट्रंप लंबे समय से भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों पर "हाई टैरिफ" लगाने का विरोध कर रहे हैं ।

Update:2024-12-18 10:57 IST

ट्रम्प खत्म करेंगे जन्मजात नागरिकता का अधिकार, लाखों भारतीयों के सपने होंगे चकनाचूर: Photo- Social Media

Donald Trump: जल्द ही अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से भारत को टैरिफ की धमकी दी है। उनका कहना है कि अगर भारत अमेरिकी उत्पादों पर ज्यादा टैक्स लगाता है, तो वह भी भारतीय उत्पादों पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। ट्रंप लंबे समय से भारत द्वारा कुछ अमेरिकी उत्पादों पर "हाई टैरिफ" लगाने का विरोध कर रहे हैं और इसका जवाब देने के रूप में रेसिप्रोकल टैरिफ की धमकी दे रहे हैं।

ट्रंप की धमकी

मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "अगर भारत हम पर उच्च टैरिफ लगाता है, तो हम भी उन पर उतना ही टैरिफ लगाएंगे। वे हम पर टैक्स लगाते हैं, तो हम भी उन्हें टैक्स लगाएंगे।" उन्होंने यह भी कहा, "भारत हम पर टैक्स लगाता है, जबकि हम उनसे कुछ भी टैक्स नहीं लेते। अगर भारत हम पर 100 फीसदी टैक्स लगाता है, तो क्या हमें उन पर कोई टैक्स नहीं लगाना चाहिए?" ट्रंप ने यह भी बताया कि भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं, जो कुछ अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाते हैं, और अब अमेरिका इसका जवाब देने की तैयारी में है।

कॉमर्स सेक्रेटरी का समर्थन

ट्रंप के बयानों का समर्थन उनके आगामी कॉमर्स सेक्रेटरी हावर्ड लुटनिक ने किया है। लुटनिक ने कहा, "हमारी सरकार में रिसिप्रोसिटी एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा। अगर आप हमारे साथ जैसा व्यवहार करेंगे, तो आपको उसी तरीके से जवाब मिलेगा।" उनका कहना था कि जो जैसा करेगा, उसके साथ वैसा ही किया जाएगा।

पहले भी दी थी धमकी

यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने ऐसे बयान दिए हैं। इससे पहले, उन्होंने ब्रिक्स देशों को चेतावनी दी थी कि अगर वे ब्रिक्स करेंसी अपनाते हैं, तो अमेरिका उन देशों पर 100 फीसदी टैरिफ लगाएगा। 2009 में स्थापित ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) एकमात्र ऐसा प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समूह है, जिसमें अमेरिका का कोई सदस्य नहीं है। ट्रंप का यह बयान उन देशों के लिए था जो अमेरिकी डॉलर का विकल्प तलाश रहे हैं या अपनी खुद की ब्रिक्स मुद्रा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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