ऑक्सीजन संकट बढ़ा तो दुबई में भारतीय कंपनी CNG छोड़ बनाने लगी ऑक्सीजन सिलेंडर, हजारों भेजे भारत
दुबई की एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर ने भारत में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर का संकट बढ़ने पर CNG गैस सिलेंडर बनाना बंद कर दिया।
नई दिल्ली: देश की मिट्टी का कर्ज चुकाने के लिए केवल देश की सीमा पर ही नहीं लड़ा जाता है, देशवासियों के संकट को दूर करने में सहायता भी देशसेवा है। यह सबक भारतीय मूल की दुबई स्थित कंपनी ने पूरी दुनिया को दिया है। हाई प्रेशर सीमलेस स्टील गैस सिलेंडर बनाने के लिए मशहूर कंपनी एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर (Everest Kanto Cylinder) ने भारत में ऑक्सीजन (Oxygen) गैस सिलेंडर का संकट बढ़ने पर सीएनजी गैस सिलेंडर बनाना बंद कर दिया। अप्रैल में छह हजार ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाली कंपनी का दावा है कि मई में भी वह सात हजार ऑक्सीजन सिलेंडर भारत में पहुंचा देगी।
एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर के संचालकों ने यह फैसला तब किया जब भारत में मेडिकल ऑक्सीजन गैस की आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया था। ऑक्सीजन सिलेंडर भी कम पड़ने लगे थे। एक स्थान से दूसरे स्थान पर मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए बड़े सिलेंडर उपलब्ध नहीं थे। कंपनी के फैसले और ऑक्सीजन सिलेंडर निर्माण की पूरी कहानी दुबई के गल्फ न्यूज ने छापी है।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर पुष्कर खुराना ने मीडिया को बताया कि भारत में ऑक्सीजन सिलिंडर की कमी होने पर उन्होंने यह फैसला किया। उनकी कंपनी मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर, सीएनजी व एनजीवी सिलेंडर, फायर फाइटिंग उपकरण, ब्रेवरेजेज इंडस्ट्री के लिए एक्यूमलेटर शेल बनाने के लिए जानी जाती है। पिछले कई सालों से वह ईरान, इराक, बांग्लादेश समेत खाड़ी के कई देशों में सीएनजी सिलेंडर की आपूर्ति कर रही है। लेकिन जब भारत में कोरोना महामारी की वजह से संकट उत्पन्न हुआ तो उन्होंने फैसला किया कि अब वह केवल ऑक्सीजन गैस सिलेंडर ही बनाएंगे। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन गैस सिलिंडर के लिए उनकी कंपनी से अदाणी समूह ने संपर्क किया है। मार्च और अप्रैल 2021 में उनकी कंपनी छह हजार ऑक्सीजन गैस सिलेंडरों की आपूर्ति भारत के लिए कर चुकी है। गुजरात के मूंदड़ा पोर्ट पर सिलेंडर पहुंचाए गए हैं। मई महीने में भी सात हजार सिलेंडर पहुंच जाएंगे।
उन्होंने बताया कि दुबई में उनकी कंपनी 50 किलो ऑक्सीजन गैस वाले सिलेंडर तैयार करती है। इन सिलेंडरों को खाड़ी देशों की गैस कंपनियों जैसे अमीरात इंडस्ट्रियल गैसेज कंपनी व गल्फ क्रायो में ऑक्सीजन गैस से भरा जाता है। इन सिलेंडरों को गुजरात के मूंदड़ा बंदरगाह भेजा गया है। खुराना के अनुसार, सीएनजी सिलेंडर के निर्माण का तरीका ऑक्सीजन गैस सिलेंडर के निर्माण से भिन्न है। इसके बावजूद कंपनी ने यह परिवर्तन किया, क्योंकि इस वक्त देश को इसकी जरूरत है। दुबई में प्लांट होने के बावजूद इस बात का हम सभी को ध्यान है कि मूलत: हम भारत की कंपनी हैं। देश के लिए काम आना हमारा फर्ज है। कंपनी ने तय किया है कि जब तक भारत में ऑक्सीजन गैस सिलेंडर की जरूरत है, तब तक कंपनी अपना प्रोडक्शन जारी रखेगी।
42 साल पुरानी है यह कंपनी
एवरेस्ट कैंटो सिलेंडर कंपनी की स्थापना 1978 में की गई। कंपनी ने शुरुआत में ही जापान की कंपनी कैंटो कोट्सु योकी के साथ निर्माण क्षेत्र में सहयोग संबंध स्थापित किए। इसलिए एवरेस्ट के साथ कैंटों का नाम भी जुड़ गया। कंपनी ने अपनी पहली मैन्युफैक्चरिंग यूनिट औरंगाबाद में लगाई। 1981 में औरंगाबाद प्लांट से उत्पादन शुरू हो गया । 1985 में ही कंपनी ने विस्तार करते हुए तारापुर में हाई प्रेशर गैस सिलेंडर का निर्माण शुरू किया। 2003—04 में कंपनी ने दुबई में प्रोडक्शन यूनिट लगाई और हाई प्रेशर स्टील गैस सिलिंडर का निर्माण कार्य शुरू किया। दुबई से ईरान पाकिस्तान और बांग्लादेश में कंपनी के बनाए हुए सिलेंडर की आपूर्ति की जाती है। गांधीधाम गुजरात में भी कंपनी की एक प्रोडक्शन यूनिट है जहां 340000 सिलेंडर हर साल तैयार किए जाते हैं। 2006 में कंपनी ने EKC इंटरनेशनल FZE दुबई में और EKCइंडस्ट्रीज चीन के तिआनजिन में शुरू की है। दुबई स्थित प्लांट से दक्षिण पूर्व एशिया और मध्य पूर्व एशिया के देशों में कारोबार किया जा रहा है । इसके साथ ही कंपनी पिछले लगभग 12 साल से हंगरी और अमेरिका में भी अपनी सब्सिडियरी कंपनियों के साथ मिलकर हाई प्रेशर गैस सिलिंडर का उत्पादन और कारोबार कर रही है।