Corona Vaccine: इस कोरोना वैक्सीन पर लगा सख्त प्रतिबंध, सामने आए खतरनाक साइड इफेक्ट्स
Corona Vaccine: अमेरिका के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA ने वैक्सीन के काफी खतरनाक साइड इफेक्ट्स सामने आने के बाद इस पर पाबंदियां लगा दी हैं।
Corona Vaccine: जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) की सिंगल डोज़ कोरोना वैक्सीन पर सख्त पाबंदियां (Restrictions On Corona Vaccine) लगा दी गईं हैं क्योंकि इस वैक्सीन के काफी खतरनाक साइड इफेक्ट्स (Covid Vaccine Side Effects) सामने आए हैं।
अमेरिका के फ़ूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA ने जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन (Johnson & Johnson Vaccine) के बारे में कठोर सीमाएं लगाते हुए कहा है कि ये वैक्सीन केवल उन लोगों को दी जानी चाहिए जिनको कोई अन्य वैक्सीन प्राप्त नहीं हो सकती या जो लोग विशेष रूप से इसी वैक्सीन का अनुरोध करते हैं। इनके अलावा किसी अन्य को ये वैक्सीन नहीं दी जाएगी।
सीडीसी ने अस्थायी रूप से लगाई थी रोक
फरवरी 2021 में एकल-खुराक वाले टीके को अधिकृत किए जाने के बाद एफडीए और रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अप्रैल में इस वैक्सीन को अस्थायी रूप से रोक दिया था। इसकी वजह ये थी कि कुछ लोगों में इस वैक्सीन के लगने के बाद खून के थक्कों की समस्या हो गई थी। लेकिन 11 दिनों के बाद इस रोक को हटा लिया गया। क्योंकि स्वास्थ्य एजेंसियों का कहना था वैक्सीन के लाभ उसके जोखिमों से ज्यादा हैं।
लेकिन अब एफडीए ने पूरे नैरेटिव को उलट दिया है। एफडीए ने इस वैक्सीन के साइड इफेक्ट के जोखिमों के बारे में कहा है कि थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम का जोखिम इस वैक्सीन के लाभ से कहीं अधिक है। इस स्थिति को वैक्सीन प्रेरित थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के रूप में भी जाना जाता है। इसमें कम प्लेटलेट काउंट वाले रक्त के थक्के असामान्य स्थानों में बनते हैं, जैसे मस्तिष्क से रक्त निकालने वाली नसों में।
2021 के अंत तक अमेरिका ने अमेरिकियों के लिए उपलब्ध सभी तीन कोरोना टीकों का इस्तेमाल किया था - फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन। कई बड़े अध्ययनों में पाया गया था कि वे सभी मजबूत सुरक्षा देते हैं। लेकिन पिछले साल दिसंबर में, सीडीसी ने आधिकारिक तौर पर जॉनसन एंड जॉनसन के ऊपर फाइजर और मॉडर्ना के टीकों की सिफारिश की थी।
खून के थक्के की हो रही समस्या
एफडीए वैक्सीन के प्रमुख डॉ. पीटर मार्क्स ने कहा है कि एजेंसी ने यह निर्णय रक्त के थक्कों के जोखिमों पर डेटा की फिर से जांच करने के बाद किया है। यह निष्कर्ष निकाला गया कि ये जोखिम जॉनसन के टीके तक सीमित हैं। मार्क्स ने कहा कि खून के थक्के की समस्या टीकाकरण के बाद पहले दो हफ्तों में होती है। इसलिए यदि किसी ने छह महीने पहले टीका लगवाया था तो वह चैन की नींद सो सकते हैं।
जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन प्राप्त करने वाले लगभग 1 करोड़ 7 लाख अमेरिकियों में से साइड इफेक्ट के 60 मामलों की पहचान की गई थी, जिनमें नौ घातक थे। ये मार्च के मध्य तक का डेटा था। यह प्रति दस लाख जॉनसन वैक्सीन में 3.23 रक्त के थक्के के मामलों की मात्रा है। 50 से कम उम्र की महिलाओं में समस्या अधिक आम है, जहां मृत्यु दर लगभग 1 प्रति दस लाख शॉट्स थी।
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