छलका पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह का दर्द, कहा- जनता निराश है, नेपाल को नई सोच की जरूरत

नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने कहा है कि देश की जनता निराश है। पूर्व नरेश ने कहा कि देश में निषेध राजनीति ने असंतुलन पैदा किया है। राजनीतिक अस्थिरता और बाहरी हस्तक्षेप बढने से जनता में निराशा है। नेपाल कभी विश्व में अकेला हिंदू राष्ट्र था और शांति-सहिष्णुता का उदाहरण था। देश को अब नई सोच की जरूरत है।

Update:2016-10-20 18:50 IST

गोरखपुर: नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने कहा है कि देश की जनता निराश है, और नई सोच की जरूरत है। अंतरराष्ट्रीय विराट हिंदू सम्मेलन को संबोधित करते हुए पूर्व नरेश ने कहा कि देश में निषेध राजनीति ने असंतुलन पैदा किया है। राजनीतिक अस्थिरता और बाहरी हस्तक्षेप बढने से जनता में निराशा है।

छलका दर्द

-पूर्व नेपाल नरेश ने कहा कि नेपाल कभी विश्व में अकेला हिंदू राष्ट्र था और शांति-सहिष्णुता का उदाहरण था।

-पूर्व नरेश ने कहा कि अब नेपाल का वह सम्मान नहीं रहा।

-उन्होंने कहा कि जो सनातन हिंदू जहां है, भाषा, दर्शन, धर्म, इतिहास और सनातन धरोहर की प्रेरणा से शान्ति और सदभाव बनाए हुए है। नेपाल मे 80 फीसद हिंदू हैं।

-नेपाल मे लोकतंत्र की स्थापना के बाद पूर्व नरेश ज्ञानेन्द्र शाह ने हिन्दू महा सम्मेलन के माध्यम से पहली बार सार्वजनिक संबोधन किया।

शामिल हुए विद्वान

-काठमांडू में पशुपति क्षेत्र के बनकाटी में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय हिंदू सम्मेलन में गोरखपुर सांसद योगी आदित्य नाथ और नेपाल के कई सांसदों समेत अन्य देशों के संत और विद्वान शामिल हुए।

-गोरखपुर के सांसद योगी आदित्य नाथ ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

-कार्यक्रम का उद्घाटन पूर्व नरेश ज्ञानेन्द्र शाह ने दीप जलाकर किया।

-इस मौके पर नेपाल की जनता ने जय जयकार के बीच 'हमरो राजा हमरो देश' के नारे लगाए।

-मंच पर बैठे पूर्व राजा और रानी को देखने के लिए भारी संख्या में भीड़ जमा थी।

आगे स्लाइड्स में देखिए विराट हिंदू सम्मेलन के कुछ और फोटोज...

 

 

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