'मैलवेयर' वायरस: गूगल ने किया खुलासा, इस अभियान को हैक करने का हुआ प्रयास

चीन के समूह 'हरकेन पैंडा' ने ट्रंप के अभियान के सदस्यों और ईरान के समूह 'चार्मिंग किटन' ने बाइडन के अभियान के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की कोशिश की। इस तरह के 'फ़िशिंग' (हैक करने के) प्रयासों में आमतौर पर फर्जी ई-मेल शामिल होते हैं, जिसमें 'मैलवेयर' के जरिए पासवर्ड चुराने या यंत्रों को दूषित करने कोशिश की जाती है।

Update: 2020-06-05 10:31 GMT

नई दिल्ली: अब पूरी दुनिया की कार्य प्रणाली कंप्यूटर सिस्टम से ही संचालित होती हैं। देश की सुरक्षा से संबंधित हो या बैंकिग या फिर लोगों द्वारा अपना निजी जानकारी को सुरक्षित रखने का मामला। इन पर अब हैकर्स की नज़र हमेशा बनी रहती है। इसी से संबंधित गूगल ने बताया कि कुछ हैकर्स ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और पूर्व उप-राष्ट्रपति जो बाइडेन के अभियान को निशाना बनाने की कोशिश की हालांकि उनके सफल होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं। कंपनी के 'थ्रेट अनैलिसिस ग्रुप' के निदेशक शेन हंटली के ट्विटर पर इसकी जानकारी देने के बाद कंपनी ने इसकी पुष्टि की है।

हैक करने के प्रयासों में आमतौर पर फर्जी ई-मेल शामिल होते हैं

हंटली ने कहा कि चीन के समूह 'हरकेन पैंडा' ने ट्रंप के अभियान के सदस्यों और ईरान के समूह 'चार्मिंग किटन' ने बाइडन के अभियान के कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने की कोशिश की। इस तरह के 'फ़िशिंग' (हैक करने के) प्रयासों में आमतौर पर फर्जी ई-मेल शामिल होते हैं, जिसमें 'मैलवेयर' के जरिए पासवर्ड चुराने या यंत्रों को दूषित करने कोशिश की जाती है।

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'मैलवेयर' एक प्रकार का वायरस है

'मैलवेयर' एक प्रकार का वायरस है, जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर पर किसी की पहचान चोरी करने या गोपनीय जानकारी में सेंध लगाने के लिए किया जाता है। कंपनी के बयान के अनुसार दोनों अभियान से जुड़े लोगों के निजी ई-मेल अकाउंट पर सेंध लगाने की कोशिश की गई। गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह हाल ही में किया गया है और दोनों अभियानों से जुड़े कुछ लोगों को निशाना बनाया गया।

अभियान को प्रभावित करने संबंधी एक प्रमुख खुलासा

गूगल ने बताया कि उसने लक्षित उपयोगकर्ताओं को सतर्क किया और मामले को संघीय कानून प्रवर्तन को सौंप दिया। अटलांटिक काउंसिल के डिजिटल फोरेंसिक रिसर्च लैब के निदेशक ग्राहम ब्रूकी ने इस घोषणा को साइबर की मदद से अभियान को प्रभावित करने संबंधी एक प्रमुख खुलासा किया, जैसा कि 2016 में देखा गया था।

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उनका इशारा डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी और हिलेरी क्लिंटन के 2016 के राष्ट्रपति अभियान को रूस द्वारा हैक किए जाने की ओर था, जिसके खुलासे के बाद 2016 राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप और ट्रंप की जीत पर कई सवाल उठे। ट्रंप और बाइडेन की ओर से हैकिंग के इस हालिया प्रयास पर कोई टिप्पणी नहीं की गयी है।

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