नई स्टडी से टूटी उम्मीदें, अब गर्मी में भी कोरोना का कहर

कोरोना वायरस को लेकर एक स्टडी में दावा किया गया था कि गर्मी का मौसम में कोरोना वायरस का असर कम होता जाएगा। मई की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में दुनियाभर के कई देशों में गर्मी का मौसम आ चुका है।

Update:2020-05-08 15:21 IST

नई दिल्ली: कोरोना वायरस को लेकर एक स्टडी में दावा किया गया था कि गर्मी का मौसम में कोरोना वायरस का असर कम होता जाएगा। मई की शुरुआत हो चुकी है। ऐसे में दुनियाभर के कई देशों में गर्मी का मौसम आ चुका है और कहीं-कहीं पर आ रहा है। लेकिन अब एक नई स्टडी में दावा किया गया है कि गर्मी और उमस से कोरोना वायरस पर कुछ भी असर नहीं पड़ेगा। गर्मी के मौसम से भी कोरोना वायरस खत्म नहीं होंगे। कोरोना वायरस का कहर इसी तरह पुरी दुनिया में जारी रहेगा।

अध्ययन में शामिल रहे 144 देश

दुनियाभर में हुए इस अध्ययन में 144 देश हिस्सा थे। जिसमें मुख्य रूप से अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक शामिल थे। इस स्टडी को कनैडियन मेडिकल एसोसिएशन जर्नल में प्रकाशित किया गया है। अध्ययन में से चीन, इटली, ईरान और साउथ कोरिया को शामिल नहीं किया गया है। क्योंकि यहां पर या तो कोरोना के मामले बहुत ज्यादा हैं या तो बहुत कम।

वायरस के रोकथाम के लिए किए प्रयासों को किया गया शामिल

कनाडा के सेंट माइकल हॉस्पिटल और टोरंटो यूनिवर्सिटी के रिसर्चर पीटर जूनी ने बताया कि इस स्टडी में दुनियाभर में कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों को भी शामिल किया गया है। जिससे वायरस के फैलने और रोकथाम की दर कितनी यह पता लग सके।

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गर्मी और उमस का वायरस पर कोई असर नहीं

पीटर जूनी ने बताया कि स्टडी में 7 मार्च से 13 मार्च तक दुनियाभर में तापमान, उमस, बंद स्कूल, प्रतिबंधों, सामूहिक आयोजनों को जब कोरोना के संक्रमण से जोड़कर एक विश्लेषण किया तो उसमें पता लगा कि गर्मी और उमस का इस वायरस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसका वायरस की रोकथाम से कोई संबंध नहीं है।

पहले स्टडी में ये बात आई थी सामने

उन्होंने बताया कि हमें पहले एक छोटे अध्ययन से पता चला था कि गर्मी और उमस से कोरोना वायरस के संक्रमण की गति रुकेगी। लेकिन जब हमने स्टडी का स्तर बढ़ाया और कई बार बड़े स्तर पर अध्ययन करने से इसके परिणाम बिल्कुल विपरीत आए। मतलब यानी गर्मी और उमस का कोरोना वायरस पर कोई असर नहीं होगा।

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इन तरीकों से रूका कोरोना का संक्रमण

हालांकि स्कूलों को बंद रखने, सामूहिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के तरीकों ने अपना काम किया। इन तरीकों से कोरोना वायरस काफी हद तक नहीं फैला। इस अध्ययन में शामिल दूसरे शोधकर्ता प्रोफेसर डियोनी जेसिंक ने कहा कि गर्मी के मौसम से कोरोना को कोई खतरा नहीं है।

इस वक्त घरों में रहना होगा बेहतर

प्रोफेसर डियोनी जेसिंक ने कहा कि इस वक्त लोगों का घरों में रहना ही बेहतर होगा। साथ ही उन्होंने सोशल डिस्टेंसिंग, हाइजीन और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जितना ज्यादा लोग इन बातों का ख्याल रखेंगे, उतना ही दुनिया सुरक्षित रहेगी और इस पर रहने वाले इंसान भी।

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