Heat Wave Alert: गर्मी से 1000 मौतें, ब्रिटेन और यूरोप में कयामत जैसे हालात
Heat Wave Alert: चीन, उत्तरी अफ्रीका से लेकर अमेरिका तक, लगभग पूरे उत्तरी गोलार्ध में इस महीने रिकॉर्ड गर्मी का प्रकोप हुआ है।
Heat Wave Alert: ब्रिटेन और यूरोप के तमाम देश "विनाशकारी" हीट वेव (Heat wave) की चपेट में हैं। हवाई पट्टियां पिघल गईं हैं, पावर प्लांट ठप हो रहे हैं क्योंकि नदियों का पानी बहुत गर्म हो रहा है, जंगलों में आग फैलती ही जा रही है। रिकॉर्ड उच्च तापमान और जंगल की आग के कारण सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं।
सच्चाई ये भी है कि यूरोप ही एकमात्र ऐसी जगह नहीं है जहां पर गर्मी बढ़ रही है। चीन, उत्तरी अफ्रीका से लेकर अमेरिका तक, लगभग पूरे उत्तरी गोलार्ध में इस महीने रिकॉर्ड गर्मी का प्रकोप हुआ है। पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि अत्यधिक गर्मी दो और हफ्तों तक जारी रह सकती है।
वैश्विक तापमान में वृद्धि के साथ गर्मी की लहरें आम होती जा रही हैं। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि यह ट्रेंड अब सामान्य हो सकता है। यानी ऐसी हीटवेव अब सामान्य रूप से आती रहेंगी। लोगों को इसके लिए तैयार रहना चाहिए।
एक हजार से ज्यादा मौतें
स्पेन और पुर्तगाल में हाल के दिनों में गर्मी के कारण 1,000 से अधिक मौतें हुई हैं।पुर्तगाल में तापमान 47 डिग्री पर पहुंच चुका है। राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कार्यालय आईपीएमए द्वारा देश के अधिकांश हिस्सों को आग के उच्च खतरे में रखा गया है। नीदरलैंड, बेल्जियम, जर्मनी, इटली में भी यही हाल है जहां पारा 40 डिग्री को छू रहा है।
ब्रिटिश अधिकारियों ने गर्मी की लहर को "राष्ट्रीय आपातकाल" कहा है और देश के कुछ हिस्सों में पहली बार "अत्यधिक" गर्मी की चेतावनी दी गई है।
ऊंचे तापमान ने ब्रिटेन में हवाई क्षेत्रों को भी प्रभावित किया है। लंदन के ल्यूटन हवाई अड्डे, जो यूरोप में अन्य देशों के लिए उड़ानों के साथ ज्यादातर कम लागत वाली एयरलाइनों की सेवा करता है, ने लगभग 4:30 बजे रनवे की खराबी की सूचना दी। यहां गर्मी के कारण रनवे पिघल कर खराब हो गया था।
फ्रांस में गर्मी के रिकॉर्ड टूट गए हैं और देश के दक्षिण-पश्चिम में गर्म हवाओं के चलने से आग बुझाने का काम जटिल हो गया है। स्पेन में कम से कम 20 जगहों पर आग नियंत्रण से बाहर हो गई है।
क्या है वजह
असामान्य गर्मी को वैज्ञानिक मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन बता रहे हैं। इसके कारण हीटवेव अधिक लगातार, अधिक तीव्र और लंबे समय तक बनी रहती हैं। औद्योगिक युग शुरू होने के बाद से दुनिया पहले ही लगभग 1.1 सेल्सियस गर्म हो चुकी है और जब तक दुनिया भर की सरकारें उत्सर्जन में भारी कटौती नहीं करती हैं, तब तक तापमान बढ़ता रहेगा।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि शहरों को भीषण गर्मी झेलने के लिए तैयार हो जाना चाहिए। इसका मतलब है हरियाली बढ़ाना, निवासियों को अधिक छाया प्रदान करना और डामर जैसी सतहों को ढंकना, जो सीधे धूप में काफी गर्म हो जाता है। रेलवे पटरियों के टेढ़े होने, केबल पिघलने और बिजली की विफलता से बचने के लिए सरकारों को बुनियादी ढांचे को नए चरम तापमान के अनुकूल बनाना होगा। इसका मतलब सामाजिक बुनियादी ढांचे को जोड़ना भी है, जैसे जगह जगह कूलिंग सेंटर बनाना, बाहर काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए नीतियां और मजबूत चेतावनी प्रणाली स्थापित करना।