अंटार्कटिका में हीटवेव: ये अच्छा संकेत नहीं, तापमान में सबसे बड़ा अंतर

Heat wave: अंटार्कटिका में कॉनकॉर्डिया नामक एक मौसम केंद्र ने सामान्य से 50 डिग्री अधिक तापमान दर्ज किया।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-03-23 11:09 IST

अंटार्कटिका हीटवेव (फोटो-सोशल मीडिया)

Heat wave: पृथ्वी के दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों ने हाल ही में एक साथ हीटवेव का अनुभव किया है, जिसके कारण कुछ क्षेत्रों में तापमान अभूतपूर्व ऊंचाइयों तक पहुंच गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के अत्यधिक तापमान को केवल जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, लेकिन फिर भी ये असामान्य घटना "नाटकीय" और "खतरनाक" है।

चार दिन पहले अंटार्कटिका में औसत तापमान औसत से 8.6 डिग्री फ़ारेनहाइट (4.8 डिग्री सेल्सियस) गर्म था। टेरा नोवा बे पर स्थित तटीय ज़ुकेली स्टेशन पर उच्चतम दर्ज तापमान 44.6 फारेनहाईट (7 डिग्री सेल्सियस) था।

सबसे बड़ा तापमान अंतर 

समुद्र तल से 10,000 फीट (3,000 मीटर) से अधिक की ऊंचाई पर स्थित कॉनकॉर्डिया रिसर्च स्टेशन में सबसे बड़ा तापमान अंतर दर्ज किया गया, जहां शोधकर्ताओं ने 10 डिग्री फारेनहाईट या माइनस 12.2 डिग्री सेल्सियस के तापमान को मापा, जो सामान्य से 70 फारेनहाईट (लगभग 40 डिग्री सेल्सिय) अधिक है।

इसके अलावा रूसी वोस्तोक स्टेशन पर तापमान 0 फारेनहाईट या माइनस 17.7 सेल्सियस रिकार्ड किया। इस स्टेशन ने 1983 में माइनस 128.6 फारेनहाईट (माइनस 89.2 सेल्सियस) पर दुनिया का सबसे कम तापमान दर्ज किया था।

अंटार्कटिका में कॉनकॉर्डिया नामक एक मौसम केंद्र ने सामान्य से 50 डिग्री अधिक तापमान दर्ज किया। विशेषज्ञ गर्म पश्चिमी हवाओं को दक्षिणी महासागर को पार कर अंटार्कटिका के अंदरूनी हिस्सों तक पहुंचने को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं।

आर्कटिक में, उसी दिन औसत तापमान सामान्य से 6 फारेनहाईट (3.3 सेल्सियस) अधिक था, और उत्तरी ध्रुव के पास के कुछ क्षेत्रों में तापमान सामान्य से 50 फारेनहाईट (30 सेल्सियस) अधिक हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि अंटार्कटिका में तापमान पहले ही सामान्य हो जाना चाहिए था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि आर्कटिक में उच्च तापमान कब टूटेगा।

अंटार्कटिका में गर्मी की लहर

दोनों ध्रुवीय क्षेत्रों में एक ही समय में उच्च तापमान देखना बहुत ही असामान्य है क्योंकि उनके मौसम विपरीत होते हैं। मिसाल के तौर पर जब उत्तरी गोलार्ध में वसंत आता है और आर्कटिक पिघलना शुरू करता है तब अंटार्कटिका महीनों की गर्मी के बाद जमने लगता है। अमेरिका में कोलोराडो स्थित नेशनल स्नो एंड आइस डेटा सेंटर के अनुसार, उत्तर और दक्षिण ध्रुवों दोनों को एक ही समय में पिघलते हुए नहीं देखा गया है। सो वर्तमान स्थिति निश्चित रूप से एक असामान्य घटना है।

आर्कटिक मॉनिटरिंग एंड असेसमेंट प्रोग्राम द्वारा 2021 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अंटार्कटिका में गर्मी की लहर से वैज्ञानिक विशेष रूप से आश्चर्यचकित हैं क्योंकि आर्कटिक की तुलना में तापमान समग्र रूप से अधिक स्थिर बना हुआ है, जो कि बाकी पृथ्वी की तुलना में तीन गुना तेजी से गर्म हो रहा है।

बताया जाता है कि अंटार्कटिका में गर्मी की लहर की सबसे अधिक संभावना एक वायुमंडलीय स्ट्रीम का परिणाम है। ये स्ट्रीम दरअसल, जल वाष्प का एक संकीर्ण गलियारा है जो आकाश से चलता है। एक अनुमान है कि नम स्ट्रीम अंटार्कटिका के ऊपर चली गई और फिर "हीट डोम" या पास के उच्च दबाव प्रणाली द्वारा फंस गई, जिसने नमी को लगभग एक सप्ताह तक बंद कर दिया और हवा को गर्म कर दिया।

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