Imran Khan: क्रिकेटर से वजीर-ए-आजम पद तक का सफर, शादियों को लेकर हर बार रहे सुर्खियों में

Imran khan Journey: क्रिकेट की पिच पर इमरान खान की कहर बरपाती गेंद से बल्लेबाज़ खौफ खाकर आउट होते थें। आज उनको विपक्ष की कुशल रणनीति ने सत्ता से आउट कर दिया है।

Written By :  Prashant Dixit
Published By :  Monika
Update:2022-04-04 12:27 IST

इमरान खान (फोटो : सोशल मीडिया)

Imran khan Journey: हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान के वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) इमरान खान (Imran khan) का सत्ता से बाहर जाना तय हो गया हैं। उनको सत्ता में लाने वाले गठबंधन के साथी तो दूर इमरान खान की अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कई सांसद खुल कर उनकी सरकार की नीतियों के विरुद्ध आ गए हैं। जिससे विपक्ष उनकी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है। क्रिकेट की पिच पर उनकी कहर बरपाती गेंद से बल्लेबाज़ खौफ खाकर आउट होते थें। आज उनको विपक्ष की कुशल रणनीति ने सत्ता से आउट कर दिया है।

इमरान ने विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव से पहले ही टेस्ट मैच में जिस तरह से पारी घोषित की जाती है, उसी तरह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद की पारी घोषित करते हुए इस्तीफा दे दिया है। अविश्वास प्रस्ताव से बच जानें के कारण देश में फिर से चुनाव होने की संभावना जताई जा रही हैं। इमरान पाकिस्तान की क्रिकेट विश्वकप विजेता टीम के कप्तान रहे हैं। आज इमरान खान के क्रिकेटर जीवन से लेकर राजनीतिक जीवन के बारे में बात करेंगे जानेंगे।

लाहौर में जन्म और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई (Imran khan Education)

इमरान खान का जन्म 25 नवंबर 1952 को लाहौर के जमां पार्क में हुआ। इनकी माता शौकत ख़ानम और पिता इकरमुल्लाह खान नियाज़ी हैं। जो लाहौर में एक सिविल इंजीनियर थे। एक मध्यम वर्गीय परिवार में इमरान चार बहनों के साथ पले-बढ़े हुए। पश्तून परिवार में जन्में इमरान ने पाकिस्तान और यूनाइटेड किंगडम के बड़े स्कूलों और कॉलेजों में शिक्षा प्राप्त की जिसमें वॉर्सेस्टर में रॉयल ग्रामर स्कूल और लाहौर में एचिसन कॉलेज शामिल थे। 1972 में, उन्होंने केबल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दर्शन, राजनीति और अर्थशास्त्र के अध्ययन के लिए प्रवेश लिया, जहां उन्होंने राजनीति में दूसरी श्रेणी से और अर्थशास्त्र में तीसरी श्रेणी से स्नातक की उपाधि प्राप्त की थीं। उनकी माता के परिवार में कई नामी क्रिकेट खिलाड़ी थे, जिनमें दो चचेरे भाई, जावेद बुर्की और माजिद खान पाकिस्तानी राष्ट्रीय टीम के कप्तान रह चुके थे। यही कारण था कि बचपन से ही इमरान खान की क्रिकेट के प्रति दीवानगी थीं।

क्रिकेट विश्वकप विजेता टीम के कप्तान 

इमरान खान ने 1971 में पाकिस्तान की राष्ट्रीय टीम के लिए अपना पहला मैच खेला था। 1976 में ऑक्सफोर्ड से ग्रेजुएशन के दौरान उनका टीम में स्थायी स्थान नहीं था। 1980 के दशक की शुरुआत में इमरान ने एक असाधारण गेंदबाज और ऑलराउंडर खिलाडी के रूप में टीम में स्थान बना लिया था। इमरान ने अपनी रिवर्स स्विंग गेंदबाजी से लोगों को प्रभावित किया, और अपनी बल्लेबाजी में भी करतब दिखाते हुए बैटिंग में छठे स्थान पर खेलने वाले टेस्ट बल्लेबाज के रूप में 61.86 के औसत से रन बनाए। तो इसके ईनाम में इमरान को 1982 में पाकिस्तानी टीम का कप्तान बनाया गया। 88 टेस्ट मैचों में इमरान खान ने 37.69 की औसत से 3807 रन बनाए, जिसमें छह शतक और 18 अर्द्धशतक लगाएं थे। 1992 में इमरान ने अपनी सबसे बड़ी सफलता तब हासिल की जब उन्होंने क्रिकेट विश्वकप के फाइनल में इंग्लैंड को हराकर पाकिस्तानी टीम को पहला खिताब जिताया। इमरान ने उसी साल क्रिकेट से संन्यास ले लिया, और इतिहास के सबसे महान क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक के तौर पर अपने जीवन के एक पड़ाव को अलविदा कहा, इमरान को विश्व क्रिकेट के महान खिलाडियों में गिना जाता है।

इमरान खान का वैवाहिक जीवन (Imran Khan married life)

इमरान ने पहला निकाह मई 1995 में जेमिमा गोल्ड स्मिथ के साथ किया था। ब्रिटेन की रहने वाली जेमिमा, इमरान खान से निकाह के बाद पाकिस्ताटन आ गई थीं। उस समय इमरान खान की उम्र 42 साल थी, तो जेमिमा की उम्र 21 साल थी। दोनों की उम्र में करीब 20 साल का फासला था। जेमिमा के साथ इमरान खान का रिश्ताो करीब 10 वर्षों तक चला था। इमरान खान ने जनवरी 2015 में रेहम से दूसरा निकाह किया था, जो उस वक्त बीबीसी में प्रजेंटर थीं। तब इमरान खान की उम्र 62 साल थी, जबकि रेहम की उम्र 42 साल थी। इस तरह इमरान और रेहम की उम्र में भी 20 साल का फासला था। इमरान ने तीसरी शादी बुशरा बीबी से 65 साल की उम्र में की है, जो उनकी आध्याबत्मिक गुरु रह चुकी हैं। फरवरी 2018 में उनके इस निकाह की खबरें और तस्वीयरें सामने आई थीं। जिस के बाद में इस शादी की पुष्टि हो सकीं थीं । दोनों की उम्र में करीब 20 साल का फासला है, बुशरा बीबी शादी के समय 45 साल की थी।

इमरान खान की राजनीतिक जीवन (Imran khan political life)

एक सफल क्रिकेट कप्तान से राजनीति में आएं इमरान ने अपने सन्यास की घोषणा के बाद पाकिस्तान की स्थापित राजनीतिक पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के प्रभुत्व को तोड़ने के लिए 1996 में तहरीक-ए-इंसाफ नाम की नई अपनी पार्टी बनाई। और इमरान 2002 में अपनी पार्टी से सांसद बनने में सफल रहें। 2007 में इमरान को पूर्व सैन्य शासक जनरल परवेज मुशर्रफ सरकार की आलोचना करने के लिए कुछ समय के लिए जेल भी जाना पड़ा।बाद में 2013 में नेशनल असेंबली के लिए चुने गए, उनकी पार्टी देश में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर सामने आईं, पर इमरान ने आरोप लगाया कि नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने चुनावों में धांधली की हैं। इमरान ने कथित चुनावी धोखाधड़ी के खिलाफ अगस्त 2014 में लाहौर से इस्लामाबाद तक एक विशाल रैली निकाली। आखिर में जब आरोपों की जांच के लिए नवाज शरीफ ने एक न्यायिक आयोग की स्थापना की तो इमरान पीछे हट गए। नवंबर 2016 में PML-N के नेता हनीफ अब्बासी ने इमरान खान को चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित करने के लिए एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था। जिसमें उन्होंने इमरान पर PTI के लिए मनी लॉन्ड्रिंग, संपत्ति छिपाने और विदेशी स्रोतों से धन प्राप्त करने का आरोप लगाया था। मार्च 2017 में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई शुरू की ओर कोर्ट ने दिसंबर 2017 में इमरान के पक्ष में फैसला सुनाया था। पाकिस्तान में 2018 के आम चुनाव में इमरान ने पांच निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ा और उनकी पार्टी 116 सीटों के साथ चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उनकी पार्टी PTI ने इमरान को पाकिस्तान के अगले प्रधान मंत्री के रूप में नॉमिनेट किया। इसके बाद इमरान ने 18 अगस्त को पाकिस्तान के 22वें प्रधानमंत्री के रूप में शपथग्रहण की थीं।

इमरान खान का प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा  (Imran Khan resigns as PM)

प्रधानमंत्री के रूप में इमरान खान आर्थिक मोर्चे पर सुधार नहीं ला पाए, और उनकी सरकार बढ़ते आर्थिक संकट का शिकार होती चली गई। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल को शुरू हुए कुछ ही दिन बीता था, कि अमेरिका ने सैन्य सहायता में 300 मिलियन डालर को यह कहकर रोक दिया कि पाकिस्तान ने आतंकवाद को रोकने के लिए पर्याप्त जरूरी कदम नहीं उठाये हैं। कोरोना महामारी ने पाकिस्तान के आर्थिक संकट को और बढ़ा दिया। प्रधानमंत्री इमरान के आलोचकों का कहना था कि उन्होंने लॉकडाउन लगाने में बहुत देर की। 2020 के अंत में प्रमुख विपक्षी दलों ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) नाम का एक गठबंधन बनाया, मार्च 2021 में इन पार्टियों ने इमरान की सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएं, लेकिन इमरान ने अपने गठबंधन के सहयोगी पार्टियों के समर्थन से बचा लिया था। लेकिन इस बार विपक्ष दोबारा अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया इस बार उनकी ही पार्टी के कुछ नेताओं ने बगावती सुर अपना लिए, जिसके चलते इमरान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया है, अब पकिस्तान में फिर से आम चुनाव होने की संभावना है।

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