इमरान का बड़ा ऐलान! कुर्सी बचाने के लिए अपनाया ये पैंतरा, किया ये काम

Update: 2019-11-01 07:48 GMT
इमरान का बड़ा ऐलान! कुर्सी बचाने के लिए अपनाया ये पैंतरा, किया ये काम

इस्लामाबाद: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान ने गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शनों के लिए एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल इमरान खान गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा श्री करतारपुर साहिब के दर्शन के लिए जाने वाले सिख श्रद्धालुओं के लिए कुछ नियम बदल दिये हैं। ट्विटर के जरिये खुद इमरान खान ने इसकी जानकारी दी है।

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, ‘'भारत से करतारपुर आने वाले सिखों के लिए दो बातें जरूरी हैं। पहला उन्हें पासपोर्ट की जरूरत नहीं है केवल एक वैध पहचान पत्र चाहिए और दूसरा उन्हें 10 दिन पहले रजिस्ट्रेशन कराने की कोई आवश्यकता नहीं है।’

कोई शुल्क नहीं देना होगा

करतारपुर के उद्घाटन के दिन और गुरू नानक देव के 550वें प्रकाश पर्व के दिन श्रद्धालुओं को कोई शुल्क नहीं देना होगा। इमरान खान ने यह भी घोषणा की है। पाकिस्तान के अलावा करतारपुर कॉरिडोर को लेकर भारत की ओर से भी तैयारियां की जा रही हैं। इसी क्रम में गुरुवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कॉरिडोर की तैयारियों का जायजा लेने डेरा बाबा नानक सीमा पर पहुंचे।

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बता दें कि पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के खिलाफ विपक्ष पार्टी आजादी मार्च निकाल रहा है। इस आजादी मार्च का नेतृत्व जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान कर रहे हैं। विपक्षियों के आजादी मार्च का ये कारवां राजधानी इस्लामाबाद तक जा पहुंचा है, इस्लामाबाद की रैली शुक्रवार की नमाज के बाद शुरु होगी।

इस आजादी मार्च में कई विपक्षी पार्टियां हिस्सा ले रही हैं। इस मार्च में पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और अवामी नेशनल पार्टी भी शामिल हैं। सरकार विरोधी प्रदर्शन के तहत पहले से नियोजित की गई रैली शुक्रवार को होगी।

मार्च से घबरायी इमरान सरकार

विपक्षी पार्टियों के इस आजादी मार्च से इमरान खान की कुर्सी खतरे में नजर आ रही है। क्योंकि सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सेना को तैनात किया है। वहीं सेना ने प्रदर्शनकारियों को इस्लामाबाद जाने से रोकने के लिए हाईवे पर शिपिंग कंटेनर बिछा दिए हैं। लोगों का मानना है कि एक साल पहले सत्ता में आई सरकार के खिलाफ इतना बड़ा आंदोलन अप्रत्याशित है।

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