उधारी के प्लेन से US गए थे इमरान, लौटते वक्त हो गया कांड
संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र (यूएनजीए) में भाग लेने के बाद अमेरिका से वापस पाकिस्तान लौट रहे पीएम इमरान खान का विमान दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गया।
इस्लामाबाद: संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र (यूएनजीए) में भाग लेने के बाद अमेरिका से वापस पाकिस्तान लौट रहे पीएम इमरान खान का विमान दुर्घटना का शिकार होने से बाल-बाल बच गया।
विमान को तकनीकी खराबी के कारण शनिवार को न्यूयॉर्क में आपात लैंडिंग करानी पड़ी। जानकारी के अनुसार, यह विमान सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का था, जिससे वो अमेरिका गए थे। वह सऊदी अरब से अमेरिका के लिए रवाना हुए थे।
पाकिस्तान की संयुक्त राष्ट्र में राजदूत मलीहा लोधी जो पहले प्रधानमंत्री खान को हवाई अड्डे पर छोड़ने के लिए आई थीं, वह उनके विमान की इमरजेंसी लैंडिंग होने पर वापस लौटीं।
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खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में अपने देश का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने हवाई अड्डे पर कुछ देर इंतजार किया जबकि तकनीशियन खामी को दूर करने की कोशिश कर रहे थे।
इसके बाद लोधी प्रधानमंत्री को वापस रुजवेल्ट होटल लेकर पहुंची जहां वह अपनी सात दिनों की यात्रा के दौरान रह रहे थे। अधिकारियों का कहना है कि यदि विमान में आई खराबी को जल्द ठीक नहीं किया जाता है तो प्रधानमंत्री कमर्शियल फ्लाइट के जरिए वापस पाकिस्तान जाएंगे। देश पहुंचने के बाद वह भूकंप ग्रस्त इलाकों का दौरा करेंगे और प्रभावित परिवारों से मिलेंगे।
शुक्रवार को खान ने संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने कश्मीर राग अलापा। इमरान ने भारत पर शिमला समझौते और भारतीय संविधान के उल्लंघन का भी आरोप लगाया।
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मोदी ने गैरकानूनी तरीके से कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया: इमरान
खान ने कहा कि मोदी सरकार ने गैरकानूनी तरीके से कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किया। 80 लाख लोगों को जबरन कर्फ्यू लगाकर घरों में कैद किया गया है। हजारों युवा गायब हैं।
लोग जानवरों से बदतर हालात में हैं। घाटी से कर्फ्यू हटने पर खून खराबा होगा। कश्मीरी ज्यादा कट्टर होंगे। पुलवामा जैसे हमले होंगे और भारत हम पर दोष मढ़ेगा।
इमरान ने कश्मीर को इस्लाम से जोड़ते हुए कहा, वहां जो हो रहा है, वह मुस्लिमों को हथियार उठाने के लिए उकसाने वाला है। भारत के 18 करोड़ मुस्लिम कश्मीर के चलते कट्टरता की ओर बढ़ेंगे। दुनिया के 1.3 अरब मुस्लिम भी देख रहे हैं।
अगर किसी समुदाय के लोगों को ऐसे बंधक बनाकर रखा जाएगा तो बाकी लोगों पर क्या असर होगा। वे हथियार उठाएंगे और ऐसा इस्लाम की वजह से नहीं, बल्कि मुस्लिमों पर अन्याय के कारण होगा।
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