India-Bhutan Relations History: सीमा पार का प्यार, नागरिकता की दीवार!
India-Bhutan Relations History: भूटान के नागरिकों के लिए भारत में आना-जाना काफी आसान है। वो बस एक आइडी दिखाकर देश में कहीं भी आ सकते हैं। मुश्किल तब होती है, जब दोनों देश के लड़के या लड़की आपस में शादी करना चाहते हैं।
India-Bhutan Relations History: सीमा से सटे देश भूटान और भारत के रिश्ते भले ही मैत्रीपूर्ण हों पर इन देशों के बीच पारिवारिक रिश्ता जोड़ना बिल्कुल आसान नहीं है। अक्सर कई ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जिनमें सीमापार से आए लड़के को लड़की से प्यार होता है, शादी होती है लेकिन भूटान में पति-पत्नी का संग रहना नियमों के चलते मुश्किल हो जाता है। जब तक उन्हें मैरिज सार्टिफिकेट नहीं मिल जाता, उन्हें अपनी ही पत्नी के संग रहने के लिए 1200 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस देनी पड़ती है। जबकि वहां की सुप्रीम कोर्ट के नियमों से मैरिज सार्टिफिकेट हासिल करने में कई वर्ष लग जाते हैं। भूटान का यही नियम दूसरे देशों में शादी करने की ख्वाहिश रखने वाले वहां के लड़के या लड़कियों के लिए मुश्किल खड़ा कर रहा है।
जुलाई 2020 से लागू हुआ एसडीएफ शुल्क
भारत से अगर कोई भूटान जाना चाहता है तो उसके लिए वीजा नहीं लगता, लेकिन सीमा पर वोटर आइडी कार्ड या पासपोर्ट दिखाना अनिवार्य है। इसके आधार पर भूटान जाने का परमिट मिलता है। सीमा पर सारा डीटेल देना पड़ता है कि कहां-कहां जाना है और प्रति व्यक्ति उसे 1200 एसडीएफ को देना पड़ता है। ठीक यही नियम मैरिज सर्टिफिकेट न होने पर कपल्स पर भी लागू है। अगर पति भूटान का निवासी है और पत्नी बाहर की तो उसे भी यह शुल्क देना होगा।
भारत में साथ रहना आसान, पर भूटान में नहीं
एक तरफ जहां भूटान में कपल्स के साथ रहने में नियमों की पेचीदगी है, वहीं भारत में ऐसा नहीं है। भूटान का लड़का भारत की किसी लड़की से शादी कर भारत में रह सकता है। उसे विवाह के आधार पर नागरिकता समेत सारे अधिकार मिल जाते हैं। दूसरी तरफ विदेशियों के लिए भूटान की नागरिकता हासिल करना आसान नहीं है, अगर कोई भूटान के नागरिक से शादी करता है तो आपको भूटान की नागरिकता खुद ब खुद नहीं मिल जाती, भूटान में रहने के लिए नागरिकता के लिए आवेदन या स्पेशल रेजिडेंस परमिट का आवेदन करना होगा, इन दोनों की ही प्रक्रिया लंबी व सख्य नियमों वाली है।
लिंगानुपात भी है वजह
वर्ष 2020 के आंकड़ों के अनुसार भूटान में 100 लड़कियों पर 113.34 पुरुषों का अनुपात है। वहीँ इस छोटे से देश की महज 10 लाख के करीब की जनसंख्या में 6.26 विस्थापन दर है। कई बार बाहर गए युवा वहीँ अपना जीवनसाथी चुन बैठते हैं।
सुप्रीम कोर्ट जारी करती है मैरिज सर्टिफिकेट
भूटान में मैरिज सर्टिफ़िकेट जारी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट हर साल एक इंटरव्यू आयोजित करता है, इस इंटरव्यू में पास होने पर जिस ज़िले के पति या पत्नी हैं, वहां की अदालत से मैरिज सर्टिफ़िकेट हासिल करने के लिए आवदेन करना पड़ेगा। हालांकि दुश्वारियां तब भी खत्म नहीं होंगी, भूटान के क़ानून के अनुसार भूटान की कोई लड़की किसी विदेशी से शादी करती है तो उसके बच्चे को भूटान की नागरिकता अपने आप नहीं मिलेगी।
इसके अलावा जानकारी के मुताबिक विदेशियों से शादी करने वाले भूटान के लोगों को राजनीतिक दलों और सेना में शामिल होने की इजाज़त नहीं होती है। भूटान के इन सख्त नियमों की वजह से वहां के लोगों के लिए भारत ही नहीं, नेपाल, बांग्लादेश, म्यांमार या अन्य देशों में रिश्ता जोड़ने काफी मुश्किलों भरा है।