अब लगेगा जुर्माना: मालदीव में भारत-विरोधी नारे लगाने वालों की खैर नहीं, सीधे जाएंगे जेल

India Maldives: भारत विरोधी 'इंडिया आउट' अभियान को रोकने के लिए मालदीव सरकार ने नया पैंतरा अपनाया है।

Newstrack :  Network
Published By :  Vidushi Mishra
Update:2022-02-01 09:56 IST

मालदीव में भारत विरोधी प्रदर्शन नारे (फोटो-सोशल मीडिया) 

India Maldives: भारत और मालदीव दोनों देशों के बीच हमेशा से काफी अच्छे पड़ोसी रिश्ते रहे हैं। लेकिन इन रिश्तों में अब दरार पड़ती नजर आ रही है। बीते कई सालों से चीन के बढ़ते हस्तक्षेप की वजह से भारत से मालदीव के आपसी संबंध खराब होते जा रहे हैं। ऐसे में बीते दिनों ही मालदीव के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं। इन वीडियोज में लोग 'इंडिया आउट' (India Out) की टी-शर्ट पहने हुए है। जोकि भारत सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करते दिखाई दे रहे हैं। इन विरोध-प्रदर्शनों को रोकने के लिए मालदीव की सत्ताधारी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने अहम फैसला लिया है।

दरअसल मालदीव में चीन समर्थक पूर्व राष्ट्रपति अब्‍दुल्‍ला यामीन (Abdulla Yameen) की ओर से भारत विरोधी प्रदर्शन चलाए जा रहे हैं। ऐसे में भारत विरोधी 'इंडिया आउट' अभियान को रोकने के लिए मालदीव सरकार ने नया पैंतरा अपनाया है। मालदीव सरकार ने इसे अवैध घोषित करने के लिए नया विधेयक ला रही है। ये विधेयक लाकर मालदीव एक संतुलित विदेशी नीति को अपना रहा है। जोकि अन्य देशों के साथ मालदीव के रिश्तों को मजबूत करने में कारगर सिद्ध होगा।

लगेगा तगड़ा जुर्माना

मालदीव सरकार के नए विधेयक में अब भारत विरोधी नारे लगाने वालों से 20,000 मालदीवियन रुफिया का जुर्माना लिया जाएगा। साथ ही इन विरोधी नारे लगाने वाले पर 6 महीने की जेल या फिर 1 साल के लिए नजरबंद किया जा सकता है।

इस बारे में मालदीव के पत्रकार अहमद अजान ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी है। भारत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वालों पर मालदीव में सख्ती बरतने के विधेयक के बारे में उन्होंने लिखा- 'मालदीव सरकार ने इंडिया आउट (India Out) नारे के प्रयोग को अपराध घोषित करने का फैसला किया है। साथ ही इस अभियान में भाग लेने वालों को 6 महीने तक की जेल हो सकती है।'

विरोध प्रदर्शन की ये है वजह

भारत के खिलाफ मालदीव में विरोध प्रदर्शन के पीछे वजह ये है कि मालदीव की जनता अपने देश में मौजूद भारतीय सैनिकों और उपकरणों को अपने देश से निकालने के लिए प्रयासरत है। जिसके लिए विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं। सालों पहले 2018 में इसकी शुरुआत हुई थी।



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