UK Inflation: इंग्लैंड में महंगाई की मार, खाने के लाले

England Inflation: लंदन के सेंट मेरिज प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों में से करीब अब आधे स्कूल में मुफ्त भोजन पाने के योग्य हो गए हैं। ये बच्चे देश के सबसे गरीब परिवारों से हैं।

Report :  Durgesh Sharma
Update:2022-12-17 14:32 IST

UK Inflation (Newstrack)

England Inflation: इंग्लैंड में अभूतपूर्व महंगाई ने लोगों की हालत ऐसी कर दी है कि बहुत से परिवारों को भोजन जुटाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। लोगों को डॉग फ़ूड तक खाने पर मजबूर होना पड़ा है। ऐसे में लोग और ज्यादा मदद के लिए सरकार की तरफ देख रहे हैं। महंगाई की दर में मूली कमी आई तो है लेकिन अब भी ये बहुत ज्यादा है। उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति की वार्षिक दर अक्टूबर में 11.1 फीसदी से गिरकर नवंबर में 10.7 फीसदी हो गई। लंदन के सेंट मेरिज प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों में से करीब अब आधे स्कूल में मुफ्त भोजन पाने के योग्य हो गए हैं। ये बच्चे देश के सबसे गरीब परिवारों से हैं।

आसमान छूती महंगाई की वजह से मूलभूल चीजें बहुत महंगी हो गई हैं और धर्मार्थ संस्थाएं सरकार से कह रही हैं कि और ज्यादा बच्चों को स्कूल में मुफ्त भोजन दिया जाना चाहिए। अभी तक प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की सरकार ने ऐसी मांगें नहीं मानी हैं।

इस स्कूल में करीब 48 प्रतिशत बच्चे स्कूल में मुफ्त भोजन पाने के योग्य हैं और यह देश के औसत आंकड़ों से कहीं ज्यादा है। दूसरे परिवार जिन्हें मुफ्त भोजन का लाभ मिल सकता है उन्हें यह नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उनकी कमाई योग्यता स्तर से ऊपर है। निशुल्क भोजन पाने के लिए अनिवार्य है कि परिवार की सालाना आय 9,163 डॉलर से कम होनी चाहिए।

वहीं नॉर्दर्न आयरलैंड में सीमा रेखा 17,000 डॉलर के आस पास है जबकि स्कॉटलैंड और वेल्स में तो स्कूलों में यूनिवर्सल मुफ्त भोजन की शुरुआत होने वाली है, यानी हर स्कूल में हर बच्चे को दोपहर में मुफ्त भोजन मिलेगा।

तुलनात्मक रूप से, इंग्लैंड में करीब एक-तिहाई बच्चों को लगभग 2.91 डॉलर मूल्य का लाभ मिलता है। चाइल्ड पॉवर्टी ऐक्शन ग्रुप के मुताबिक इंग्लैंड में हर तीसरा बच्चा जो गरीबी परिवार से है इस सुविधा के योग्य नहीं है।

जीवन स्तर में गिरावट

सरकार के स्वतंत्र आर्थिक भविष्यवक्ता ऑफिस फॉर बजट रिस्पॉन्सिबिलिटी (ओबीआर) के अनुसार, अगले दो वर्षों में यूके में जीवन स्तर में 7 फीसदी की गिरावट आने वाली है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में दूसरों की तुलना में कठिन प्रभाव पड़ेगा।

आम तौर पर, जब जीवन स्तर गिरता है तो इसका मतलब है कि लोग कम (या कम खर्चीली) वस्तुओं और सेवाओं पर ही खर्च उठा सकते हैं। यह अब हो रहा है क्योंकि यूके की प्रति व्यक्ति वास्तविक जीडीपी में अपेक्षित गिरावट के कारण वास्तविक घरेलू आय गिर रही है।

डिस्पोजेबल आय पर इस दबाव के अलावा, यूके बढ़ती ब्याज दरों और गिरती घरों की कीमतों का भी सामना कर रहा है। ओबीआर के अनुसार, यह अर्थव्यवस्था को 2022 की तीसरी तिमाही से सिर्फ एक साल से अधिक समय तक चलने वाली मंदी की ओर ले जाएगा।

इन विकासों को जोड़ते हुए, 2024 की तीसरी तिमाही में बेरोजगारी आधे मिलियन से अधिक लोगों के बढ़ने की उम्मीद है जो कामकाजी आबादी का 3.5 फीसदी से 4.9 फीसदी तक है।

इसका वास्तविक डिस्पोजेबल आय के लिए दीर्घकालिक प्रभाव होगा, जो ओबीआर का मानना है कि 2027 तक पूर्व-महामारी के स्तर से अभी भी 1.5 फीसदी कम होगा।

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