Imran Khan Case: जेल से रिहा होंगे पूर्व पीएम इमरान खान, हाईकोर्ट ने सजा पर लगाई रोक

Imran Khan Case: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर अपने विरोधियों पर भारी पड़े हैं। अबकी बार फिर से उन्हें अदालत से बड़ी राहत मिली है।

Update:2023-08-29 13:44 IST
Imran Khan Case (Social Media)

Imran Khan Case: पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान एक बार फिर अपने विरोधियों पर भारी पड़े हैं। अबकी बार फिर से उन्हें अदालत से बड़ी राहत मिली है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने तोशाखाना मामले में उन्हें मिली सजा पर रोक लगाते हुए उन्हें रिहा करने का आदेश सुनाया है। अदालत के इस फैसले के बाद खान के समर्थकों में भारी उत्साह है। पूर्व प्रधानमंत्री को 5 अगस्त को तोशाखाना मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर अटक जेल में बंद कर दिया गया।

दरअसल, क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान पर आरोप है कि 2018 से 2022 के बीच उन्होंने और उनके परिवार ने उन तोहफों को बेच दिया जो बतौर पर मुल्क के प्रधानमंत्री के तौर पर उन्हें प्राप्त हुए थे। प्रधानमंत्री को मिलने वाले तोहफे तोशाखाना में रखे जाते हैं। आरोप है कि तोशाखाने से बेशकीमती हीरे की अंगूठियां, जालीदार झुमके, कई जेवरात और एक हाथ की घड़ी गायब है।

इस मामले में पूर्व पीएम को दोषी ठहराते हुए चुनाव आयोग ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाते हुए पांच साल तक राजनीति करने से भी प्रतिबंधित कर दिया है। निचली अदालत ने इमरान खान को 3 साल की सजा सुनाई थी, जिसे उनके वकील लतीफ खोसा ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में चैलेंज किया था। उनकी ओर से कहा गया कि इमरान खान के खिलाफ फैसला जल्दबाजी में लिया गया, जो कमियों से भरा हुआ था। इसलिए उनकी सजा को रद्द किया जाए।

क्या जेल से बाहर आ पाएंगे इमरान खान ?

पाकिस्तान के सियासी जानकारों का मानना है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुसीबतें फिलहाल खत्म नहीं हुई हैं। उनके ऊपर दर्जनों मामलें हैं, जिनमें हत्या और खुफिया जानकारी लीक करने जैसे गंभीर मामले भी शामिल हैं, जिसमें बेहद कड़ी सजा का प्रावधान है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार इस्लामाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकती है।

हालांकि, इससे बड़ा सिरदर्द वे दो मामले हैं, जिसमें इमरान खान की गिरफ्तारी की तैयारी की जा रही है। ये मामले इस साल 9 मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद देश में भड़की हिंसा को लेकर है। पहली बार पाकिस्तान के इतिहास में किसी सियासतदां के समर्थन में लोगों ने सर्वशक्तिमान फौज को निशाने पर लिया था। पाक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) और नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) इस मामले को लेकर इमरान खान को कस्टडी में लेने के लिए तैयार बैठी है।

बता दें कि नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो (NAB) पूर्व प्राइम मिनिस्टर इमरान खान को पूछताछ के लिए 90 दिन तक अपने हिरासत में रख सकती है। इस दौरान उन्हें देश की सर्वोच्च अदालत यानी सुप्रीम कोर्ट भी जमानत नहीं दे सकती। ये जांच एजेंसी पर निर्भर करेगा कि वे खान को किसी जेल में रखें या अपने मुख्यालय में।

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