Jack Ma in Japan: अलीबाबा वाले जैक मा लिए हुए हैं जापान में शरण

Jack ma in Japan: कभी चीन में महत्वाकांक्षा का एक प्रतीक हुया करते जैक मा ने 2019 में अलीबाबा के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है और अब एक संबद्ध ‘एंट्स ग्रुप’ का नियंत्रण छोड़ने की योजना बनाई है।

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2022-12-16 13:57 IST

co founder of Alibaba Group Jack Ma (photo: social media )

Jack Ma in Japan: अलीबाबा ग्रुप के सह-संस्थापक जैक मा अपने हाई-प्रोफाइल करियर के दौरान अक्सर सुर्खियों का केंद्र रहे हैं। चीन में नियामकों की सख्ती बाद ये रंगीन मिजाज अरबपति इधर उधर शरण लेता रहा है। अब पता चला है कि मा ने पिछले छह महीने जापान के हॉट स्प्रिंग रिसॉर्ट्स और निजी सदस्यों वाले क्लबों में बिताये हैं। सार्वजानिक उपस्थिति से दूर रहने के लिए जैक मा ने कथित तौर पर चीन के एक प्रमुख व्यापारिक समूह के प्रमुख का पद भी छोड़ दिया है।

कभी चीन में महत्वाकांक्षा का एक प्रतीक हुया करते जैक मा ने 2019 में अलीबाबा के अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है और अब एक संबद्ध 'एंट्स ग्रुप' का नियंत्रण छोड़ने की योजना बनाई है। जैक मा चीन में तकनीकी उद्योग पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की कड़ी पकड़ का प्रतीक बन गए हैं। मा के जापान में होने की रिपोर्ट ने इन अटकलों को हवा दी है कि वह चीन की तकनीकी कार्रवाई से छिप रहे हैं। अलीबाबा के स्वामित्व वाले द साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया है कि मा अस्थायी रूप से "एडवांस्ड कृषि टेक्नोलॉजी" का अध्ययन करने के लिए जापान में हैं।

जापान के साथ जैक मा का पुराना रिश्ता रहा है। जापान के साथ उनके व्यापारिक संबंधों का पता सॉफ्टबैंक ग्रुप के सीईओ मासायोशी सोन के साथ उनके करीबी व्यापारिक और 20 से अधिक वर्षों के व्यक्तिगत संबंधों से लगाया जा सकता है। मासायोशी सोन अलीबाबा के शुरुआती निवेशकों में से एक थे। जाहिर तौर पर उस संबंध ने मा को जापान के प्रति आकर्षित किया था। 2008 में अलीबाबा और सॉफ्टबैंक ने एक संयुक्त उद्यम के रूप में अलीबाबा डॉट कॉम जापान का गठन किया, जो अलीबाबा की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के लिए शुरुआती कदमों में से एक था। 2018 में मा ने जापान कार्यालय का दौरा किया था। हालाँकि सॉफ्टबैंक ने इस साल अगस्त में अलीबाबा में अपनी हिस्सेदारी को भविष्य के नकदी आउटफ्लो से बचाने के लिए कम कर दिया था लेकिन इसके पहले मा और सोन दोनों एक-दूसरे के बोर्ड में बैठे और समान लक्ष्यों को साझा किया। टोक्यो फोरम 2019 के दौरान दोनों ने आपसी साझेदारी की बात की थी।

2019 की घटना के दौरान जैक मा ने अपनी स्वतंत्र भावना का संकेत भी दिया, जिसे उन्होंने अपने नेतृत्व के दृष्टिकोण में समाहित किया था और उनके इसी गुण ने अंततः उन्हें चीनी नियामकों का कोपभाजन बना दिया। मा ने एक बार कहा था कि - मुझे कुंग फू की कहानियां बहुत पसंद हैं, मुझे मार्शल आर्ट के लोग पसंद हैं, वे हमेशा न्याय के लिए लड़ते हैं, वे हमेशा दूसरे लोगों के लिए लड़ते हैं। यह वही है जो मुझे पसंद है। मा के पहले वाले और वर्तमान व्यापारिक साम्राज्यों ने जापान में जड़ें जमा ली हैं। जापान में पेमेंट ऐप 'अलीपे' ने मजबूत जगह बना ली है। अक्टूबर तक इस ऐप का समर्थन करने वाले प्रतिष्ठानों की संख्या 10 लाख से अधिक हो गई थी। मा, जिन्होंने 2020 में अलीबाबा में अपनी हिस्सेदारी घटाकर 4.8 फीसदी कर दी, अब भी कंपनी के अल्पसंख्यक शेयरधारक बने हुए हैं। जापान को एक सुरक्षित ठिकाने के रूप में देखने वाले जैक मा एकमात्र धनी चीनी व्यक्ति नहीं हैं। कठोर कोरोना प्रतिबंधों के बाद चीन और हांगकांग से काफी प्रतिभाओं का पलायन हुआ है।

आलोचना करके फंस गए

शंघाई में अक्टूबर 2020 के एक भाषण के दौरान चीन के नियामकों की आलोचना करने के बाद जैक मा तकनीकी कार्रवाई का टारगेट बन गए थे और उसके बाद उनकी मुसीबतें शुरू हो गईं। कुछ महीनों के अंतराल में अधिकारियों ने एंट्स ग्रुप की $37 बिलियन डालर की आईपीओ पेशकश को रद्द कर दिया तथा मा को "नियामक साक्षात्कार" के लिए बीजिंग बुलाया और व्यवसाय संचालन के ओवरहाल का निर्देश दिया गया। अधिकारियों ने तब अलीबाबा द्वारा कथित "एकाधिकारवादी प्रथाओं" की जांच शुरू की और मा को आदेश दिया कि वह एंट्स ग्रुप को संचालन वापस कर दें। पिछले साल, एक दबे स्वर में उन्होंने ग्रामीण शिक्षकों के लिए एक वीडियो संदेश में 48-सेकंड की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की, जिसे सरकारी मीडिया पर प्रसारित किया गया था। कुछ ने इसे "बंधक वीडियो" के रूप में वर्णित किया था।

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