मोदी के सामने बिडेन ने अमेरिकी मीडिया को लताड़ा

बिडेन ने अमेरिकी मीडिया के सन्दर्भ में कहा की आप सवालों के जवाब नहीं दे सकते क्योंकि वे कोई भी सीधा सवाल नहीं पूछते हैं।

Written By :  Neel Mani Lal
Published By :  Monika
Update: 2021-09-25 11:25 GMT

जो बिडेन पीएम मोदी से मिले (फोटो : सोशल मीडिया )

जब तक जो बिडेन प्रेसिडेंट नहीं बने थे तब तक अमेरिकी मीडिया उनके समर्थन और डोनाल्ड ट्रम्प के विरोध में पूरी ताकत से जुटा रहा । लेकिन अमेरिकी चुनाव पूरे होते ही अमेरिकी मीडिया ने दिखा दिया कि वह किसी को छोड़ता नहीं है। प्रेसिडेंट बनने के बाद से जो बिडेन (Joe Biden) अमेरिकी मीडिया (American media) के तीखे वार और असहज सवाल झेल रहे हैं। काफी कुछ उसी तरह जैसे डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) झेलते थे। अब बिडेन झल्ला कर मीडियावालों को खरी खोटी सुनाने लगे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Modi) के साथ मीटिंग के ठीक पहले भी उजागर हो गयी। व्हाइट हाउस (White House) के ओवल ऑफिस में मोदी के साथ मीटिंग शुरू होने से पहले प्रेसिडेंट बिडेन ने कहा – मेरे विचार से अब हम प्रेस को बुलाने वाले हैं। भारतीय प्रेस, अमेरिकी प्रेस से कहीं ज्यादा शालीन है। बिडेन ने अमेरिकी मीडिया के सन्दर्भ में कहा – आप सवालों के जवाब नहीं दे सकते क्योंकि वे कोई भी सीधा सवाल नहीं पूछते हैं।

बिडेन का कमेन्ट तुरंत ही सोशल मीडिया पर वायरल (viral social media ) हो गया। वाशिंगटन एग्जामिनर के रिपोर्टर क्रिस्चियन डटक ने लिखा – बिलकुल ट्रम्प जैसा व्यवहार। वाशिंगटन फ्री बीकन के रिपोर्टर ने लिखा कि प्रेस की स्वंत्रतता के मामले में भारत 142 वें स्थान पर है जबकि अमेरिका 44 वें स्थान पर।

चुनाव प्रचार के समय पत्रकारों ने की थी जो बिडेन की खूब तारीफ 

जो बिडेन जब अपना चुनाव प्रचार कर रहे थे, तब वे पत्रकारों की खूब तारीफें किया करते थे। लेकिन प्रेसिडेंट चुने जाने के बाद वे मीडिया को अपमानित करने और चुभती हुई बातें करने का कोई मौक़ा नहीं छोड़ते।.जुलाई में एनबीसी के संवाददाता केली ओडोनेल ने बिडेन से कोई असहज सवाल पूछ लिए तो बिडेन ने पलट कर ओडोनेल को 'सिरदर्द' करार दिया था। एक बार बिडेन ने सीएनएन की संवाददाता कैटलन कॉलिंस से कहा था कि वह गलत पेशे में है। बिडेन ने यह भी कहा कि अच्छा रिपोर्टर होने के लिए आपको नकारात्मक होना पड़ता है और जीवन के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण रखना होता है। एक अन्य रिपोर्टर से बिडेन ने कहा कि उसके ऊपर कार चढ़ा दी जानी चाहिए।

प्रेसिडेंट के लिए नरम रुख नहीं

बहरहाल, अमेरिकी मीडिया अलग अलग खेमों में बंटा जरूर है । लेकिन प्रेसिडेंट के बारे में वो नरम रुख नहीं रखता हैं। इसीलिए बिडेन प्रशासन के बारे में कड़ी से कड़ी आलोचना खूब छापी और दिखाई जाती है। इसी हफ्ते मीडिया के साथ बिडेन की दो मर्तबा भिड़ंत हो चुकी है। दरअसल, बिडेन पत्रकारों से कहीं रास्ते में या किसी इवेंट में कुछ सेकेंडों के लिए रूबरू होते हैं। पत्रकारों (journalists) को उनसे सीधे सवाल-जवाब करने का मौक़ा ही नहीं दिया जाता है । हालाँकि इस बारे में व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी से कई बार पत्रकारों ने शिकायत की है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि बिडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे कम सुलभ प्रेसिडेंट हैं। कुछ एक्सपर्ट्स इसे प्रेस की आज़ादी और लोकतंत्र से जोड़ कर देख रहे हैं।

अमेरिकी प्रेसिडेंट और प्रेस के बीच के रिश्ते को जॉन एफ केनेडी (John F Kennedy) ने क्रांतिकारी स्वरूप दिया था क्योंकि वह हमेशा टीवी पर पत्रकारों के लिए उपलब्ध होते थे। केनेडी के बाद सभी राष्ट्रपतियों ने प्रेस से मिलना जुलना, उनसे सीधे संवाद कायम करना जारी रखा। लेकिन बिडेन एकदम मीडिया से मिलते ही नहीं हैं। कुछ लोगों की राय है कि बिडेन अक्सर बोलते वक्त गलतियाँ कर जाते हैं, इसलिए उनको मीडिया से बचा कर रखा जाता है।

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