कब सुधरेगा पाकिस्तान! मुंह की खाने के बाद कश्मीर में फिर कर रहा ये बड़ी साजिश

भारत सरकार द्वारा कश्मीर से धारा -370 भी हटाया जा चुका है। इसके बाद भी पाकिस्तान सरकार नहीं मान रही है। इसी क्रम में उसने एक नया ऐलान करते हुए 'कश्मीर एकजुटता दिवस' मनाए जाने का ऐलान किया है।

Update: 2020-01-25 09:53 GMT

नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कश्मीर के मुद्दे को छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं। जबकि कश्मीर मुद्दे पर पूरी दुनिया में कूटनीतिक मोर्चे पर बुरी तरह मुंह की खा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा कश्मीर से धारा -370 भी हटाया जा चुका है। इसके बाद भी पाकिस्तान सरकार नहीं मान रही है। इसी क्रम में उसने एक नया ऐलान करते हुए 'कश्मीर एकजुटता दिवस' मनाए जाने का ऐलान किया है।

कश्मीर एकजुटता दिवस

बताया जा रहा है कि इसके तहत पाकिस्तान एक हफ्ते से अधिक दिनों का एक अभियान शुरू करेगा। पाकिस्तान में पांच फरवरी को 'कश्मीर एकजुटता दिवस' मनाया जाता है, इस दिन देश में सार्वजनिक अवकाश रहता है।

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अब सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि कश्मीर पर लगातार विफल होने के बाद भी पाकिस्तान आखिरकार अपने इरादों से क्यों बाज नहीं आ रहा है। यही नहीं घाटी में पाकिस्तान की सेना की तरफ से लगातार सीजफायर होता रहता है।

दरअसल, पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के हवाले से बताया है की पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने विदेश मंत्रालय में एक प्रेस कांफ्रेंस में इस अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस अभियान में 'कश्मीर के मुद्दे' को देश और विदेश में उठाया जाएगा।

युवाओं को 'कश्मीरियों के संघर्ष' के बारे में बताना

कुरैशी ने कहा कि इसकी शुरुआत 25 जनवरी से हो जाएगी और यह पांच फरवरी को 'कश्मीर एकजुटता दिवस' तक चलेगा। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य लोगों, विशेषकर युवाओं को 'कश्मीरियों के संघर्ष' के बारे में बताना है।

कुरैशी के अनुसार इस अभियान का समापन पांच फरवरी को कश्मीर के मुजफ्फराबाद स्थित विधानसभा में प्रधानमंत्री इमरान खान के संबोधन के साथ होगा। इसकी शुरुआत 25 जनवरी को मीडिया मुहिम के साथ होगी।

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इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट भी किया है। इमरान ने लिखा, 'मैं चाहता हूं कि देश और विदेश में पाकिस्तानी 80 लाख कश्मीरियों के समर्थन में 5 फरवरी को बाहर आएं, जिन्हें फासीवादी नस्लवादी मोदी शासन ने लगभग 6 महीने से नौ लाख सैनिकों की निगरानी में रखा हुआ है।

कश्मीर के आगे घरेलू असफलताओं से ध्यान हटाना चाहते है इमरान

एक्सपर्ट्स का मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर विफल होने के बाद भी पाकिस्तान की यह नीति है कि कश्मीर मुद्दे को ज्यादा से ज्यादा तूल देता रहे। इससे एक तरफ तो सरकार अपनी घरेलू असफलताओं से लोगों का ध्यान हटाना चाह रही है और दूसरी तरफ वह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में दिखावा कर सके कि कश्मीर के लिए पाकिस्तान क्या कर रहा है।

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