Violence at High Commission London: लंदन में उच्चायोग पर हमला, एनआईए ने 15 संदिग्धों की पहचान की

Violence at High Commission London: भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा के सिलसिले में एनआईए ने 1 अगस्त को पंजाब और हरियाणा में 31 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की।

Written By :  Neel Mani Lal
Update: 2023-09-13 05:44 GMT

Violence at High Commission London  (photo: social media )

Violence at High Commission London: लंदन में भारतीय उच्चायोग में हिंसक प्रदर्शन में शामिल 15 लोगों की पहचान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कर ली है और उनके खिलाफ इमीग्रेशन विभाग को लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) भेजा जाएगा।

मामला है क्या?

- इस साल मार्च के महीने में खालिस्तानी समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमला बोल दिया था और काफी तोड़फोड़ की थी।

- अप्रैल में गृह मंत्रालय के काउंटर टेररिज्म एंड काउंटर रेडिकलाइजेशन (सीटीसीआर) डिवीजन द्वारा यह मामला एनआईए को सौंप दिया गया था।

- जून में एनआईए ने हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल संदिग्धों की तस्वीरें जारी की थीं। एजेंसी ने जून में एक ट्वीट में कहा था - "19.03.23 को ये व्यक्ति लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर हमले में शामिल थे। उन्होंने गंभीर चोट पहुंचाई और भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया। अगर किसी के पास उनके बारे में कोई जानकारी है, तो कृपया व्हाट्सएप/डीएम @+917290009373 पर बताएं।"

- मार्च में हुए इस हमले में लगभग 2,000 खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी एक योजनाबद्ध प्रदर्शन के लिए भारतीय उच्चायोग पर उतरे थे और कड़ी सुरक्षा उपस्थिति और बैरिकेड्स के बीच वस्तुएं फेंकी और नारे लगाए थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एनआईए ने हिंसा में शामिल 15 संदिग्धों की पहचान की है और उनके खिलाफ कदम उठाने के लिए यूके सरकार से बातचीत करने की तैयारी कर रही है।

-- भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा के सिलसिले में एनआईए ने 1 अगस्त को पंजाब और हरियाणा में 31 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। छापेमारी में संदिग्धों से संबंधित जानकारी वाला डिजिटल डेटा जब्त किया गया।

सरकार के एक बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में नई दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के मौके पर कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ बातचीत के दौरान कनाडा में सिख विरोध प्रदर्शन के बारे में महत्वपूर्ण चिंताएं उठाईं थीं। बयान में कहा गया है कि कनाडा में इस तरह के विरोध प्रदर्शन "अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं, भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं, राजनयिक परिसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और कनाडा में भारतीय समुदाय और उनके पूजा स्थलों को धमकी दे रहे हैं।"

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