तानाशाह के घर मौत: ऐसे रची गई थी खौफनाक साजिश, Assassins में खुलासा
नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के सौतेले भाई किम जोंग नाम पर मलेशिया की राजधानी जोकि कुआलालंपुर ठहरी, उसके अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर नर्व एजेंट से हमला कर दर्दनाक मौत देते हुए हत्या कर दी गई थी। ऐसे में इसी मामले को लेकर अमेरिकी फिल्म डायरेक्टर और डॉक्यूमेंट्री मेकर रेयान व्हॉइट ने 'असासिन्स' नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है।
लॉस एंजिलिस: साल 2017 की बात है जब नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के सौतेले भाई किम जोंग नाम पर मलेशिया की राजधानी जोकि कुआलालंपुर ठहरी, उसके अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर नर्व एजेंट से हमला कर दर्दनाक मौत देते हुए हत्या कर दी गई थी। ऐसे में इसी मामले को लेकर अमेरिकी फिल्म डायरेक्टर और डॉक्यूमेंट्री मेकर रेयान व्हॉइट ने 'असासिन्स' नाम से एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है, जिसमें किम जोंग नाम की हत्या से जुड़े हुए तमाम पहलुओं की जांच की गई है।
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हत्या के आरोपों में पकड़ी गई महिलाएं
नॉर्थ कोरिया के किम जोंग नाम की हत्या को लेकर इस डॉक्यूमेंट्री में कई चौंकाने वाले खुलासे भी किए गए हैं। क्योंकि डॉक्यूमेंट्री मेकर रेयान व्हॉइट ने इस डॉक्यूमेंट्री में उन दोनों महिलाओं को भी दिखाया है, जो हत्या के आरोपों में पकड़ी गई थीं और फिर उन्हें छोड़ दिया गया था।
दरअसल किम जोंग नाम पर मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर VX नर्व एजेंट से जान से मारने के लिए हमला हुआ था, जिसके कुछ ही सेकंड बाद उनकी मौत हो गई थी। और उसी दौरान ये पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी।
इस मौत में दो महिलाओं इंडोनेशिया की सिती ऐस्याह और वियतनाम की दोअन थि हुओंग का नाम सामने आया था। जो किम जोंन नाम पर नर्व एजेंट छिड़कते हुए दिखी थी। ऐसे में उस समय तो दोनों महिलाओं को हिरासत में लिया गया था
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मालूम ही नहीं था कि वो कर क्या रही हैं
लेकिन इन्हें मलेशियाई कानून के अनुसार, मौत की सजा मिलने वाली थी, लेकिन उन्होंने जो कहानी बताई, उसके बाद उन्हें साल 2019 में रिहा कर दिया गया था। असल में दोनों को मालूम ही नहीं था कि वो कर क्या रही हैं। क्योंकि दोनों को इस बात का भरोसा दिया गया था कि दोनों एक टीवी रियलिटी शो में हिस्सा ले रही हैं।
फिर बाद में पता चला कि उन्हें नॉर्थ कोरियाई एजेंट्स ने अपने जाल में फंसाकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था। सिती ऐस्याह को मार्च 2019 में रिहा कर दिया गया था और दोअन थि हुओंग को मई महीने में रिहा किया गया। सिती के खिलाफ चल रहे हत्या के आरोप को वापस ले लिया गया था. और हुओंग को मामूली सजा मिली थी।
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