डेथ एनिवर्सरी: फादर ऑफ अमेरिका जॉर्ज वाशिंगटन, जानिए इनसे जुड़ी खास बातें
जॉर्ज वाशिंगटन का जन्म 1732 में वर्जीनिया की ब्रिटिश उपनिवेश में हुआ था। वाशिंगटन ने अपने शुरुआती साल वर्जीनिया में एक खेत में बिताये और जल्द ही भूमि का सर्वेक्षण करने के कौशल हासिल कर लिया
लखनऊ: जार्ज वाशिंगटन अमेरिका के पहले राष्ट्रपति थे। उन्हें फादर ऑफ अमेरिका भी कहा जाता है। उन्होंने अमेरिका को ब्रिटिश राज से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जार्ज वाशिंगटन के प्रयासों से ही अमेरिका ब्रिटेन की गुलामी से आजाद हुआ था। इनकी मृत्यु 14 दिसंबर 1799 को हुई थी।
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वर्जीनिया में हुआ था जन्म
जॉर्ज वाशिंगटन का जन्म 1732 में वर्जीनिया की ब्रिटिश उपनिवेश में हुआ था। वाशिंगटन ने अपने शुरुआती साल वर्जीनिया में एक खेत में बिताये और जल्द ही भूमि का सर्वेक्षण करने के कौशल हासिल कर लिया और यही कौशल उनके सैन्य करियर में बहुत उपयोगी साबित हुआ।
16 साल की उम्र में जॉर्ज वाशिंगटन ने एक सर्वेक्षक यानी भूमापक के तौर पर काम किया था
16 साल की उम्र में जॉर्ज वाशिंगटन ने एक सर्वेक्षक यानी भूमापक के तौर पर काम किया था। इस दौरान उन्होंने कई नई जमीनों के नक्शे तैयार किए। सर्वेयर के तौर पर काम करने के कुछ समय बाद ही जॉर्ज वांशिगटन अमेरिकी सेना में शामिल हो गए और फिर वे अपनी काबिलियत और हुनर की बदौलत 1752 को मेजर के पद पर सुशोभित हुए। इसके बाद वे 24 जुलाई 1758 में वर्जीनिया के प्रतिनिधि के रुप में चुने गए। यह उनके जीवन की अब तक की सबसे महत्वपूर्ण सफलाओं में से एक थी।
1774 में जॉर्ज वाशिंगटन ने ऐतिहासिक फिलाडेल्फिया सम्मेलन में वर्जीनिया का बेहद शानदार ढंग से प्रतिनिधित्व किया था। फिर 16 जून, 1775 में उन्हें उत्तर राज्यों की संयुक्त सेनाओं के प्रधान के रुप में नियुक्त किया गया। वहीं इस दौरान उन्होंने फ्रांस के खिलाफ चल रहे विद्रोह में हिस्सा लिया और विद्रोही सेना के छक्के छुड़ा दिए और विजय हासिल की थी। साथ ही संयुक्त राज्यों की स्वाधीनता जो कि 4 जुलाई, 1776 को घोषित हो चुकी थी इसे मान्यता देने के लिए ब्रिटिश सरकार की नाक में दम कर दिया था। मई, 1787 में उन्हें फेडरल सम्मेलन के अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त किया गया फिर 17 सितंबर, साल 1787 में जॉर्ज वाशिंगटन ने संविधान प्रारूप पर हस्ताक्षर किए।
अमेरिका के पहले प्रेसिडेंट
वाशिंगटन के सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व कौशल की बदौलत 1789 में जॉर्ज वाशिंगटन को अमेरिका के प्रथम राष्ट्रपति बनने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में 1789 से साल 1797 तक करीब 8 साल अपनी सेवाएं दीं। उन्होंने अपने राष्ट्रपति के दोनों कार्यकालों में अमेरिका का काफी विकास करवाया, कई योजनाओं और प्रथाओं को जारी किया, जिनका पालन आज तक किया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर अमेरिका को एक शक्तिशाली राष्ट्र बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
जॉर्ज वाशिंगटन ने राष्ट्रपति के रुप में न सिर्फ कैबिनेट की नींव रखी बल्कि पहले राष्ट्रीय बैंक बनाने एवं सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीशों की नियुक्ति करने जैसे कई अहम फैसले लिए। इसके अलावा उन्होंने संविधान के मुताबिक अमेरिकी सरकार के गठन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। राष्ट्रपति पद के दो कार्यकाल के बाद खुद इस पद से हट गए और उन्होंने किसी भी व्यक्ति के अमेरिका का दो से ज्यादा बार राष्ट्रपति नहीं बनने का नियम बनाया।
1799 में 67 वर्ष की उम्र में जॉर्ज वाशिंगटन की संक्रमण से मौत हो गई
1799 में 67 वर्ष की उम्र में जॉर्ज वाशिंगटन की संक्रमण से मौत हो गई। वाशिंगटन को इतिहास में सबसे महान और प्रभावशाली अमेरिकियों में से एक के रूप में देखा जाता है। जिस तरह भारत में करेंसी नोट पर महात्मा गाँधी का चित्र छपता है वैसे ही अमेरिका में डालर पर जॉर्ज वॉशिंगटन का चित्र छपता है। जॉर्ज वाशिंगटन को अमेरिका में ‘जनरल ऑफ द आर्मीज़ ऑफ अमेरिका’ का दर्जा मिला हुआ है।
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कुछ ख़ास बातें
जॉर्ज का जीवन कई विवादों और अजीबो-गरीब संयोगों से भरा रहा। 1789 में वॉशिंगटन वेतन के तौर पर अमेरिका के बजट का 2 प्रतिशत लेते थे यानी आज के हिसाब से वो साल में करीब 12 हजार करोड़ रुपए का वेतन ले रहे थे। उन्होंने ज़्यादातर पैसा शराब और जुए में गंवा दिया था। इसके अलावा जॉर्ज वाशिंगटन बहुत बीमारियों से ग्रसित थे। उनको डिप्थीरिया, टीबी, चेचक, कब्ज़, निमोनिया, कार्बंकल, टॉन्सिल, लेरिया, एपिग्लॉटिटिस जैसी और कई बीमारियां थीं। इसी लिए उनको अमेरिका का सबसे बीमार राष्ट्रपति माना जाता है।
रिपोर्ट- नीलमणि लाल
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