भयावह मंजर: यहां खोद दी गई सैकड़ों कब्रें, सड़कों पर लाशों का अम्बार, देखें तस्वीरें
कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी। उसके बाद अब दुनिया के 111 देशों में इस वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं। चीन के बाद इस वायरस ने सबसे अधिक नुकसान इटली और ईरान को पहुंचाया है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान से हुई थी। उसके बाद अब दुनिया के 111 देशों में इस वायरस ने अपने पैर पसार लिए हैं। चीन के बाद इस वायरस ने सबसे अधिक नुकसान इटली और ईरान को पहुंचाया है।
ईरान में अब तक कोरोना वायरस से दस हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी साढ़े चार हजार पहुंच चुका है। इस बीच अब इस देश से ऐसी तस्वीरें सामने आई है, जिसने इस मुस्लिम देश की असलियत लोगों को बता दी।
भले ही आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, यहां साढ़े चार सौ लोगों की ही मौत हुई है, लेकिन असलियत कुछ और ही है। ये असलियत खुली सैटेलाइट इमेजेस से।
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300 फीट की लंबाई में खोदी गी सैकड़ों कब्रें
द गार्जियन अखबार ने खबर प्रकाशित की है कि कोरोना वायरस महामारी के बीच ईरान के कोम शहर में एक सूनसान स्थान पर कब्रें खोदी जा रही हैं। यह खबर सबसे पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने प्रकाशित की थी। इसमें लिखा गया था कि करीब 300 फीट की लंबाई में सैकड़ों कब्रें खोद रखीं हैं।
कोम शहर ईरान की राजधानी तेहरान से करीब 120 किलोमीटर दूर है। पश्चिमी देशों की मीडिया के अनुसार यह कब्रें 24 फरवरी से ही खोदी जा रही हैं। क्योंकि जैसे ही ईरान की सरकार को यह पता चला कि कोम शहर में 50 लोगों की मौत कोरोना की वजह से हुई है. उन्होंने कब्रें खोदना शुरू कर दिया था।
द गार्जियन ने लिखा है कि ईरान के उप-स्वास्थ्य मंत्री इराज हैरिर्ची ने इस बात से इंकार किया है कि ये कब्रें कोरोना वायरस से मरने वालों के लिए खोदी जा रही हैं। जिस दिन मीडिया के सामने इराज हैरिर्ची ये बात कह रहे थे उस समय उनके माथे से पसीना बह रहा था और उन्हें खांसी आ रही थी।
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मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने जारी की ये तस्वीरें
अगले दिन ही यह पता चला था कि इराज हैरिर्ची खुद कोरोना वायरस से संक्रमित हैं। ईरान के कोम शहर में खोदी जा रही इन कब्रों की तस्वीरें मैक्सार टेक्नोलॉजीज ने जारी की है।
यही तस्वीरें द गार्जियन, वॉक्स, वॉशिगंटन पोस्ट, डेली मेल जैसे मीडिया संस्थान कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी कोम में खुद रही कब्रों को लेकर वीडियो हैं, जिसमें लोग इनके बारे में बता रहे हैं।
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सरकार नहीं कर रही पुष्टि
इस कब्रिस्तान का नाम है बेहेस्त-ए-मसुमेह। मैक्सार टेक्नोलॉजी के इन सैटेलाइट तस्वीरों से यह तो स्पष्ट हो रहा है कि कोम शहर में बड़ा कब्रिस्तान बनाया जा रहा है। लेकिन यह किस काम में लाया जा रहा है इसकी पुष्टि वहां की सरकार नहीं कर रही है।
डेली मेल ने अपनी खबर में लिखा है कि कोरोना वायरस से मारे गए लोगों को कोम शहर के इन कब्रों में डालकर उनके ऊपर चूना भी डाला जा रहा है। ताकि शव कब्र के अंदर जल्दी से नष्ट हो जाए।