Pakistan News: लाहौर में सांस लेना हुआ मुश्किल, AQI 1000 के पार, मरियम ने भारत को ठहराया जिम्मेदार

Pakistan News: मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शहर की हवा आने वाले 6 दिनों तक ऐसी ही रहने वाली है और इसमें कोई किसी तरह के सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। इसी को देखते हुए लाहौर के सभी प्राथमिक स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।

Report :  Network
Update:2024-11-04 12:04 IST

Pakistan News (Pic:Social Media)

Pakistan News: पाकिस्तान का लाहौर इस समय भयंकर वायु प्रदूषण से जुझ रहा है। प्रदूषण ने यहां के हालात को बहुत गंभीर बना दिया है। यहां सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। लाहौर में एक्यूआई 1000 के पार पहुंच गया है। जो कि एक खतरनाक स्तर है। प्रदूषण के इस खतरनाक स्तर को देखते हुए वहां के सभी प्राइमरी स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है। लाहौर के पर्यावरण अधिकारी ने बताया कि मौसम पूर्वानुमान के अनुसार शहर की हवा आने वाले 6 दिनों तक ऐसी ही रहने वाली है और इसमें कोई किसी तरह के सुधार की कोई गुंजाइश नहीं है। इसी को देखते हुए लाहौर के सभी प्राथमिक स्कूलों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया गया है।

वहीं लाहौर में प्रदूषण के इस खतरनाक हालात के लिए पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार बताया है। पंजाब की सीनियर मंत्री मरियम औरंगजेब ने इसको लेकर चिंता जताते हुए कहा कि लाहौर की आबोहवा बेहद खराब हो गई है। रविवार सुबह भारत के साथ जो लाहौर का बार्डर वाला इलाका है वहां एक्यूआई 1067 था जो कि दुनिया की एक्यूआई की रेटिंग से काफी अधिक है। इस तरह से देखा जाए तो लाहौर सबसे टॉप पर था।

उन्होंने कहा कि भारत के अमृतसर, चंडीगढ़ से जो हवा पाकिस्तान आई, उसकी गति भी बहुत ज्यादा थी और लोकल फैक्टर के साथ मिलकर जो सरहदों से जो हवा का फैक्टर है, दोनों मिलकर और खतरनाक हो जाता है।

...तो ये है प्रदूषण का कारण

इस समय लाहौर के 14 मिलियन के करीब लोग प्रदूषण का शिकार हो रहे हैं, ये प्रदूषण, डीजल वाली गाड़ियों से निकलने वले धुआं और पराली जलाने के साथ-साथ मौसम सर्द होने के कारण से बढ़ रहा है।

बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है

पंजाब (पाकिस्तान) की मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि ये धुआं लोगों के लिए कभी हानिकारक है। हम लगातार स्थितियों पर नजर रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने बच्चों के लिए स्कूल में मास्क को अनिवार्य कर दिया है। बच्चों को प्रदूषण से ज्यादा खतरा होता है, क्योंकि बच्चों का फेफड़ा बड़ो की तुलना में कम विकसित होता है।

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