कोरोना से जंग में बड़ा ही मददगार साबित होगा ये पालतू जानवर, जानें इसके बारें में

पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। अमेरिका, इटली और चीन में कोरोना ने जमकर तबाही मचाई है। बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं और नये केस सामने आए हैं। जिसके बाद दुनिया भर के कई मुल्क कोरोना वायरस का टीका बनाने के काम में जुट गए हैं।

Update: 2020-05-06 08:03 GMT

नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस की चपेट में है। अमेरिका, इटली और चीन में कोरोना ने जमकर तबाही मचाई है। बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई हैं और नये केस सामने आए हैं। जिसके बाद दुनिया भर के कई मुल्क कोरोना वायरस का टीका बनाने के काम में जुट गए हैं।

इस बीच ऑस्टिन से खबर आ रही है कि यहां के वैज्ञानिकों ने कोरोना का टीका तैयार कर लिया है। यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास को लेकर प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि लामा के शरीर से निकलने वाली 2 खास तरह की एंटीबॉडीज को मिलाने पर तैयार नई एंटीबॉडी वायरस को इंसानी कोशिकाओं से जुड़ने से रोक देती है। ये स्टडी 5 मई को वैज्ञानिक जर्नल सेल में छपी है।

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लामा पशु की एंटीबॉडी वायरस को कर देती है नष्ट

ऑस्टिन की टेक्सास यूनिवर्सिटी ने देखा कि लामा नामक पशु की एंटीबॉडी वायरस से खुद जुड़कर उसे कोशिकाओं से जुड़ने से रोक रही है। इस बारे में शोध में शामिल एक साइंटिस्ट और मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट जैसन का मानना है कि ये ऐसी कुछ ही एंटीबॉडीज में शामिल हैं जो SARS-CoV-2 के असर को न्यूट्रलाइज करता दिख रहा है।

गौरतलब है कि कोरोना वायरस असल में स्पाइक यानी नुकीली संरचना वाला होता है जो हमारे शरीर की कोशिकाओं में पाए जाने वाले प्रोटीन से काफी अच्छे से जुड़ पाता है।

दूसरे वायरसों की बजाए कोरोना की यह कांटेदार संरचना ही उसे हमारे लिए ज्यादा घातक बना चुकी है। इसी लाइन को लेकर दुनिया के तमाम वैज्ञानिक जुटे हुए हैं कैसे वायरस और शरीर में उपस्थित कोशिका के इस बॉन्ड को कमजोर किया जाए।

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जानिए लामा पशु के बारें में

लामा पशु, ये ऊंट और भेड़ के बीच की प्रजाति है, जो दक्षिण अमेरिका में पाई जाती है। आमतौर पर ये ऊन, मांस और सामान ढोने के काम आते हैं। इनमें कई खासियतें हैं, जैसे बेहद मिलनसार लामा का ऊन काफी अच्छी क्वालिटी का माना जाता है क्योंकि इनमें लैनोनिन नहीं होता है।

बता दें कि लैनोनिन एक तरह की वैक्स है जो ऊन प्रोड्यूस करने वाले पशुओं से निकलता है। लामा जंगली पशु होने के बाद भी इन्हें ट्रेनिंग देना काफी आसान है। एक-दो बार सिखाने पर ही ये कोई भी काम सीख जाते हैं।

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