पाकिस्तान से आई नई आफत, कोरोना और अम्फान के बाद अब इससे लड़ना होगा

पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि इन टिड्डियों के कारण फसलों और सब्जियों को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। यही कारण है कि मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को अलर्ट भी जारी किया गया है।

Update: 2020-05-23 03:28 GMT

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। कोरोना संकट और अम्फान तूफान के बाद अब देश के सामने एक नया संकट पैदा हो गया है। पाकिस्तान से घुसी लाखों टिड्डियों ने किसानों के लिए भारी मुसीबत पैदा कर दी है। राजस्थान के बाद इन टिड्डियों का अगला निशाना यूपी, पंजाब,हरियाणा और मध्य प्रदेश हैं। इन टिड्डियों के कारण किसानों की फसलों व सब्जियों के लिए खतरा पैदा हो गया है क्योंकि ये राह में पड़ने वाली सारी फसल को चट कर जा रही हैं।

फसलों और सब्जियों पर टिड्डियों का हमला

पर्यावरण मंत्रालय का कहना है कि इन टिड्डियों के कारण फसलों और सब्जियों को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। यही कारण है कि मंत्रालय की ओर से सभी राज्यों को अलर्ट भी जारी किया गया है। इस महीने के दौरान कई बार आंधी का प्रकोप रहा है और हवा के तेज रुख के साथ टिड्डियों का यह दल एक दिन में दो सौ किलोमीटर तक आगे बढ़ा है। टिड्डियों का यह दल अब दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। पिछले साल टिड्डियों के दल ने राजस्थान में फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया था। अकेले राजस्थान में इनकी वजह से 1000 करोड़ का नुकसान हुआ था।

किसानों के लिए नई मुसीबत

विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार टिड्डियों का झुंड और बड़ा होने की आशंका है। ऐसे में किसानों का नुकसान बढ़ जाता है। कोरोना संकट के कारण किसान पहले ही फलों और सब्जियों की उचित कीमत न मिलने के कारण परेशान हैं। ऐसे में टिड्डियों के हमले ने उनकी मुसीबत और बढ़ा दी है।

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कई साल तक बना रहता है प्रकोप

किसी भी इलाके में इन टिड्डियों के घुस जाने पर इनका प्रकोप कई साल तक बना रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का भी कहना है यदि इनका दल किसी इलाके में एक बार घुस जाता है तो वह कम से कम तीन साल तक उस इलाके के लिए मुसीबत बना रहता है। इसका कारण यह है कि इनके अंडों से करोड़ों की तादाद में नई टिड्डियां पैदा हो जाती हैं।

इस साल जल्दी हुआ है हमला

पर्यावरण मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि पाकिस्तान से टिड्डियों का दल राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुका है। उनके हमले के कारण फसलों और सब्जियों को भारी नुकसान की आशंका है। उनके हमले से सबसे ज्यादा नुकसान राजस्थान में हुआ है। आमतौर पर टिड्डियों का यह दल जून-जुलाई में आता है मगर इस बार इनका हमला थोड़ा जल्दी हुआ है। मंत्रालय की ओर से पंजाब और हरियाणा को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है। इसके साथ ही आगरा के किसानों को भी सतर्क कियआ गया है। आगरा से पहले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों को भी सतर्क किया गया था।

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नियंत्रण पाना मुश्किल काम

इन टिड्डियों पर नियंत्रण तभी किया जा सकता है जब ये जमीन पर बैठें। जमीन पर बैठने वाली टिड्डियों पर कीटनाशकों का छिड़काव किया जा रहा है मगर पीछे से फिर उतनी ही संख्या में टिड्डियों का हमला शुरू हो जा रहा है। इस कारण इन पर नियंत्रण स्थापित करना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। जानकारों का कहना है कि कोरोना संकट के साथ ही हाल में कई बार आई आंधी ने किसानों को पहले ही काफी नुकसान पहुंचाया है। ऐसे में इस नई मुसीबत से उनकी कमर टूट जाने की आशंका पैदा हो गई है ।

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