दुनिया को नए डिजिटल जिनेवा संधि की जरूरत : माइक्रोसॉफ्ट अध्यक्ष
दुनिया को एक नए डिजिटल जेनेवा संधि की जरूरत है, जो सरकार को अपने नागारिकों को अन्य देशों की सरकार द्वारा प्रायोजित साइबर हमलों से बचाए और उनकी सुरक्षा करे।
जिनेवा : दुनिया को एक नए डिजिटल जेनेवा संधि की जरूरत है, जो सरकार को अपने नागारिकों को अन्य देशों की सरकार द्वारा प्रायोजित साइबर हमलों से बचाए और उनकी सुरक्षा करे। माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ ने यह बातें कही।
स्मिथ ने संयुक्त राष्ट्र में साइबर सुरक्षा से जुड़े वैश्विक मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा के दौरान कहा कि नए दौर के साइबर हथियारों के विकास के साथ ही देशों के बीच साइबर हथियारों की दौड़ शुरू हो गई है।
द रजिस्ट्रार में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, स्मिथ ने पिछले महीने उत्तर कोरिया पर सार्वजनिक रूप से वानाक्राय रैनसमवेयर हमले का आरोप लगाया था।
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वानाक्राय रैनसमवेयर हमले से 150 देशों में दो लाख से भी अधिक कम्प्यूटर प्रभावित हुए थे और दुनिया को 'अदृश्य' साइबर हथियारों से होने वाले व्यापक नुकसान का पता चला था।
स्मिथ ने शुक्रवार को एक ब्लॉग में कहा, "वानाक्राय ने दुनिया को चेतावनी दी है। अगर हम देशों द्वारा किए जा रहे साइबर हमलों के खतरे से निपटने के लिए और प्रयास नहीं करेंगे तो दुनिया एक खतरनाक जगह बन जाएगी।"
स्मिथ ने कहा कि हालांकि माइक्रोसॉफ्ट जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों पर साइबर हमले के खतरे से निपटने की पहली जिम्मेदारी है, लेकिन यह सोचना भूल होगी कि निजी क्षेत्र केवल अपने दम पर इसे रोक सकता है। क्योंकि यह किसी देश द्वारा किए जा रहे हमले जितना कठिन है।
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उन्होंने कहा कि आज प्रौद्योगिकी क्षेत्र को किसी भी जगह साइबर हमले का शिकार हुए किसी नागरिक की मदद के लिए 'न्यूट्रल डिजिटल स्विटजरलैंड' के तौर पर कार्य करना होना।
उन्होंने कहा, "इंटरनेट पर साइबर सुरक्षा के भविष्य के लिए कई लोगों द्वारा कई कदम उठाए जाने की जरूरत है..दुनिया को एक डिजिटल जिनेवा संधि की जरूरत है और साथ ही एक अधिक सुरक्षित दुनिया बनाने के लिए कई अतिरिक्ति कदम उठाने की जरूरत है।"
--आईएएनएस