390 मौतों से मचा कोहराम: अभी भी प्रदर्शनकारी उग्र, कर रहे हैं तोड़फोड़
देश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ एक अक्टूबर से शुरू हुए आंदोलन में अब तक 390 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री अब्देल महदी के नेतृत्व वाली सरकार से प्रदर्शनकारी इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि सरकार ईरान के इशारे पर काम कर रही है।
नई दिल्ली: पिछले दो महीने से इराक में सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शनों ने उग्र रूप ले लिया है। इराक की राजधानी बगदाद में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में 40 लोगों की मौत हो गई। खबर है कि अकेले नसीरिया में 25 लोग मारे गए हैं।
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यहां के नजफ में सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई में दस प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई। सुरक्षा बलों ने यह कार्रवाई प्रदर्शनकारियों द्वारा बुधवार देर रात नजफ के ईरानी वाणिज्य दूतावास को फूंक देने के बाद की। गौरतलब है कि वर्ष 2003 के बाद पहली बार इराक में इतने व्यापक स्तर पर हिंसा देखी जा रही है। 2003 में भी तानाशाह सद्दाम हुसैन को सत्ता से हटाने के बाद भीषण हिंसा हुई थी।
क्या है मामला?
देश में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ एक अक्टूबर से शुरू हुए आंदोलन में अब तक 390 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री अब्देल महदी के नेतृत्व वाली सरकार से प्रदर्शनकारी इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। लोगों का आरोप है कि सरकार ईरान के इशारे पर काम कर रही है।
देश के नासिरियाह (दक्षिणी इराक) में कई हजार प्रदर्शनकारी गुरुवार को कर्फ्यू तोड़कर सरकारी कार्रवाई में मारे गए 25 लोगों की शवयात्रा में शामिल हुए थे। विरोध प्रदर्शन को रोकने की कार्रवाई में कम से कम 25 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी और दो सौ से अधिक घायल हो गए थे। दरअसल, जनरल जमील शुमारी को नासिरियाह में विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए भेजा गया था।
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जानकारी के अनुसार प्रदर्शन कर रहे लोगों को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलाई गई थी। प्रदर्शनकारियों की मौत के बाद भारी दबाव के बीच प्रधानमंत्री ने जनरल शुमारी को उनके पद से हटा दिया गया। ईराक में लगातार सरकार का विरोध प्रदर्शन हो रहा है।