सैकड़ों की मौत! इराक में हालात बेकाबू, सरकार के इस्तीफे की मांग

 इस बीच प्रधानमंत्री मेहदी अपने कठोर रुख पर कायम हैं। उन्होंने शुक्रवार को सुरक्षाबलों की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रदर्शनकारियों से निपट रहे हैं जबकि UN और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने इराक

Harsh Pandey
Published on: 12 July 2023 3:51 AM GMT
सैकड़ों की मौत! इराक में हालात बेकाबू, सरकार के इस्तीफे की मांग
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बगदाद: इराक में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ लगातार हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी है। बड़ी खबर आ रही है कि इस हिंसक विरोध-प्रदर्शन में करीब सैकड़ो की मौत हो चुकी है।

वहीं, इराक में फैली अशांति के बीच फायरब्रांड नेता मौलाना मुक्तदा अल सद्र ने सरकार से इस्तीफा देने की मांग तक कर दी है।

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मानवाधिकार आयोग ने कहा...

इराकी मानवाधिकार आयोग ने शुक्रवार को बताया कि बगदाद और अन्य शहरों में पिछले 4 दिनों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में अब तक कम से कम 5 दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इनमें बगदाद के एक ही अस्पताल में 18 लोगों की मौत भी शामिल है। इसके अलावा 1600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।

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सरकार को देना होगा इस्तीफा...

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मुक्तदा अल सद्र ने एक बयान में कहा कि और अधिक मौतों से बचने के लिए सरकार को इस्तीफा देना चाहिये और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में मध्यावधि चुनाव कराए जाने चाहिए।

इस मसले पर उन्होंने कहा कि इराक के लोगों का खून बह रहा है और वह चुप नहीं रह सकते। गौरतलब है कि संसद में पूर्व शिया मिलिशिया नेता मुक्तदा अल सद्र के दल के सबसे अधिक सदस्य हैं।

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बताया जा रहा है कि सद्र बयान ने प्रधानमंत्री अदेल अब्देल मेहदी पर दबाव बना दिया है जो अशांति को दूर करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इससे पहले शुक्रवार को शीर्ष आध्यात्मिक नेता अयातुल्ला अली सिस्तानी ने भी विरोध प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया और सरकार से उनकी मांगों पर गौर करने को कहा है।

पीएम अदेल अब्देल मेहदी पर बढ़ा दबाव...

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बताते चलें कि इराक की बहुसंख्यक शिया आबादी में सम्मानित सिस्तानी के समर्थन से प्रदर्शनकारियों में जश्न का महौल है, जिसका प्रदर्शन उन्होंने हर्ष फायरिंग कर किया, इसके साथ ही तीव्र हो रहे प्रदर्शनों को काबू करने की चुनौती का सामना कर रहे प्रधानमंत्री अदेल अब्देल मेहदी पर और दबाव बढ़ गया है।

सिस्तानी ने सरकार से कहा कि लोगों की शिकायतों और प्रदर्शनों को और बढ़ने से रोकने के लिए सरकार को अब कदम उठाने की जरूरत है, इस संकट के समाधान के लिए स्पष्ट एवं व्यावहारिक कदम उठाने की जरूरत है, नहीं तो प्रदर्शनकारी और मजबूत होकर लौटेंगे।

सुरक्षाबलों की कार्रवाई का बचाव...

इस बीच प्रधानमंत्री मेहदी अपने कठोर रुख पर कायम हैं। उन्होंने शुक्रवार को सुरक्षाबलों की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप प्रदर्शनकारियों से निपट रहे हैं जबकि UN और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ने इराक सरकार और सुरक्षा बलों को शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के अधिकारों का सम्मान करने को कहा।

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इसके साथ ही सिस्तानी के इस रुख को मेहदी सरकार के लिए झटका माना जा रहा है क्योंकि इराक में राजनीतिक संकट के दौरान शीर्ष शिया नेता लगातार अंतिम मध्यस्थ की भूमिका निभाते रहे हैं।

गौरतलब है कि इराक में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ लगातार हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी है। बड़ी खबर आ रही है कि इस हिंसक विरोध-प्रदर्शन में करीब सैकड़ो की मौत हो चुकी है।

Harsh Pandey

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