जहर ने बनाया अमीर: बिच्छू को बना लिया पैसे देने वाली मशीन, 7 लाख एक बार के

मिस्र के निवासी मोहम्मद हाम्दी बिच्छू का जहर बेचते हैं। उनका मानना ये है कि इनका अजीबोगरीब शौक एक दिन उन्हें इतना रईस अमीर और कामयाब बना देगा, जो उन्होंने कभी खुद भी नहीं सोचा होगा। 

Update: 2020-12-09 08:13 GMT
मिस्र के निवासी मोहम्मद हाम्दी बिच्छू का जहर बेचते हैं। उनका मानना ये है कि इनका अजीबोगरीब शौक एक दिन उन्हें इतना रईस अमीर और कामयाब बना देगा, जो उन्होंने कभी खुद भी नहीं सोचा होगा। 

नई दिल्ली। अमीर बनने के लिए पैसे कमाने के लिए लोग तमाम तरीके अपनाते हैं। इन तरीकों में अजीबोगरीब तरह से पैसे कमाने वालों की भी दुनिया में कमी नहीं है। इन्ही में शामिल है 25 साल के मोहम्मद हाम्दी बोश्ता। मिस्र के निवासी मोहम्मद हाम्दी बिच्छू का जहर बेचते हैं। उनका मानना ये है कि इनका अजीबोगरीब शौक एक दिन उन्हें इतना रईस अमीर और कामयाब बना देगा, जो उन्होंने कभी खुद भी नहीं सोचा होगा।

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पढ़ाई तक छोड़ दी

मिस्र के रहने वाले मोहम्मद हाम्दी बिच्छू के 1 ग्राम जहर को बेचकर उसके बदले करीब 7 लाख रुपए वसूलते हैं। अपनी कमाई और अजीबोगरीब शौक के बलबूते पर हाम्दी जल्द से जल्द पैसे कमाकर अमीर बनना चाहते हैं।

बिच्छू की जहर आखिर किस काम आता है। मिस्र के रेगिस्तानी और तटीय इलाकों से बिच्छू पकड़ने के शौक के चलते कुछ साल पहले ही मोहम्मद हाम्दी ने आर्कियोलॉजी में डिग्री की पढ़ाई तक छोड़ दी थी। हाम्दी इन बिच्छुओं का जहर निकालते हैं, जिसका इस्तेमाल दवाएं बनाने में किया जाता है।

फोटो-सोशल मीडिया

मोहम्मद हाम्दी जिनकी उम्र मात्र 25 साल है। मोहम्मद हाम्दी 'कायरो वेनोम कंपनी' के मालिक बन गए हैं। ऐसे में ये एक ऐसा प्रोजेक्ट है जहां अलग-अलग प्रजाति के 80,000 हजार से ज्यादा बिच्छू और सांप रखे जाते हैं। इन सांप और बिच्छुओं का जहर निकालकर दवा बनाने वाली कंपनियों को बेच दिया जाता है।

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हल्का सा इलेक्ट्रिक शॉक

खतरनाक बिच्छू का जहर किस तरह निकाला जाता है। यूवी लाइट (अल्ट्रावॉयलेट लाइट) की मदद से पकड़े बिच्छुओं का जहर निकालने के लिए हल्का सा इलेक्ट्रिक शॉक दिया जाता है। फिर इलेक्ट्रिक शॉक लगते ही बिच्छुओं का जहर बाहर आ जाता है और इसके बाद उसे स्टोर कर लिया जाता है।

सामने आई एक रिपोर्ट के अनुसार, बिच्छू के एक ग्राम जहर से करीब 20,000 से 50,000 तक एंटीवेनोम (विषरोधक) डोज़ बनाए जा सकते हैं। एंटीवेनोम ड्रग तैयार करते समय बिच्छू के जहर की क्वांटिटी में बड़ी सावधानी बरती जाती है।

बताते हैं, मोहम्मद हाम्दी बोश्ता बिच्छुओं का ये जहर यूरोप और अमेरिका में सप्लाई करते हैं, जहां इनका इस्तेमाल एंटीवेनम डोज़ और हाइपरटेंशन जैसी तमाम बीमारियों की दवाइयां बनाने में किया जाता है। बिच्छू का एक ग्राम जहर बेचने पर उन्हें 10 हजार यूएस डॉलर यानी करीब 7 लाख रुपए मिलते हैं।

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