नेपाल से प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के लिए आई ऐसी खबर, भारत पर पड़ेगा असर

नेपाल से प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के लिए राहत भरी खबर आई है। लगातार एक के बाद लिए अपने फैसलों को लेकर विवादों में रहे केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच सुलह होने की बात सामने आई है।

Update: 2020-07-19 17:25 GMT

काठमांडू: नेपाल से प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के लिए राहत भरी खबर आई है। लगातार एक के बाद लिए अपने फैसलों को लेकर विवादों में रहे केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ़ पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच सुलह होने की बात सामने आई है।

कहा जा रहा है कि पुष्प कमल दहल प्रचंड ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे की मांग को फिलहाल छोड़ने का फैसला किया है। ओली और प्रचंड रविवार को आपसी समझौते के लिए राजी हो गए हैं।

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ये है नाराजगी की वजह

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पार्टी के नेता मानते हैं कि सीमा विवाद पर उन्होंने भारत से बातचीत नहीं की। प्रधानमंत्री कोविड-19 से निपटने में नाकाम साबित हुए। भष्टाचार के आरोपों पर कार्रवाई नहीं की। एक बेहद अहम मुद्दा भारत से जुड़ा है।

वैसे भी ओली पार्टी के तीनों प्लेफॉर्म्स पर कमजोर हैं। सेक्रेटेरिएट, स्टैंडिंग कमेटी और सेंट्रल कमेटी में उनको समर्थन नहीं हैं। पार्टी के नियमों के मुताबिक, अगर इन तीन प्लेटफॉर्म पर नेता कमजोर होता है तो उसका जाना तय है।

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अयोध्या पर दिया था बेतुका बयान

भारत के खिलाफ लगातार बयान दे रहे नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली अपने एक बयान को लेकर वह अपने ही घर में घिर गए हैं। केपी शर्मा ओली अपनी कुर्सी बचाने के लिए गुटबाजी लगे हुए हैं। राजनीतिक गलियारों के बाद अब ओली के खिलाफ अब जनता का गुस्सा सड़क पर भी दिखाई दे रहा है। भगवान राम और अयोध्या पर विवादित बयान देने वाले ओली के खिलाफ अब नेपाल के संत समाज ने भी हल्ला बोल दिया है।

ओली ने भगवान राम और अयोध्या पर विवादित बयान दिया था जिसके बाद भड़के संत 18 जुलाई को सड़कों पर उतर आए। संतों ने जनकपुर में पीएम के बयान पर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में शामिल हुए साधु-संत, धार्मिक संगठन और आम नागरिकों ने मांग की कि पीएम ओली अपना बयान वापस लें।

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