इजरायल में इसलिए गिर गई नेतन्याहू की सरकार, दो साल में चौथी बार होगा चुनाव
संसद में देर रात्रि तक चले सत्र में लिकुड और ब्लू एवं व्हाइट पार्टी के सदस्यों ने बजट पारित करने के लिए दो हफ्ते की और मोहलत मांगी गई थी जिसके लिए संसद में वोटिंग हुई थी। इस प्रस्ताव के खिलाफ 49 वोट पड़े, जबकि पक्ष में 47 वोट पड़े।
तेल अवीव: इजरायल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की कुर्सी खतरे में है। बता दें कि पीएम नेतन्याहू की सरकार इजरायली संसद में बजट पारित करने में असफल रही है। इस विफलता के कारण नेतन्याहू की सरकार गिर गई है, जिसके बाद एक बार फिर से देश में आम चुनाव होने जा रहा है। वहीं सरकार गिरने के कारण नेतन्याहू और उनकी गठबंधन सरकार के साथी बेनी गैंट्ज एक-दूसरे को दोषी ठहराया है।
बजट पारित करने में विफल रही नेतन्याहू सरकार
आपको बता दें इजरायली संसद में बजट पारित करने में विफल रही है, जिसके बाद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार गिर गई है। बता दें कि देश में दो साल में चौथी बार आम चुनाव होने जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इजरायल में चौथे आम चुनाव अगले साल 23 मार्च को हो सकते हैं। यह मई 2019 के बाद से चौथा चुनाव होगा।
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पीएम नेतन्याहू ने बेनी गैंट्ज पर लगाया आरोप
सरकार गिरने के बाद पीएम नेतन्याहू का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, 'ब्लू और व्हाइट पार्टी के नेता समझौतों से हट गए और हमें कोरोना संकट के दौरान अनावश्यक चुनावों की ओर खींच लिया।' उन्होंने कहा, 'हम एक और चुनाव नहीं चाहते हैं और हमने इसके खिलाफ मतदान किया है, लेकिन हम चुनाव से डरते नहीं हैं, क्योंकि हम जीतेंगे।' इतना ही नहीं, पीएम नेतन्याहू ने गठबंधन सरकार के साथियों और रक्षामंत्री बेनी गैंट्ज पर वादाखिलाफी का आरोप भी लगाया है। पीएम ने आरोप लगाते हुए कहा, “अब बेहतर यही होगा कि देश में नए चुनाव कराए जाएं।“
बेनी गैंट्ज ने भी नेतन्याहू पर किया पलटवार
वहीं बेनी गैंट्ज ने भी नेतन्याहू पर पलटवार करते हुए भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बेनी ने पीएम पर आरोपों का जिक्र करते हुए कहा, 'मुझे खेद है कि प्रधानमंत्री अपने मुकदमे के पक्षधर हैं और जनहित के नहीं और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने की बजाए पूरे देश को अनिश्चितता के दौर में घसीटने के लिए तैयार हैं। अब बेहतर यही होगा कि देश में नए चुनाव कराए जाएं।'
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प्रस्ताव के खिलाफ पड़े 49 वोट
आपको बताते चलें कि बीते मंगलवार को नेतन्याहू ने अपनी सरकार को बचाने के लिए आखिरी कोशिश की, जो कि नाकाम रही है। संसद में देर रात्रि तक चले सत्र में लिकुड और ब्लू एवं व्हाइट पार्टी के सदस्यों ने बजट पारित करने के लिए दो हफ्ते की और मोहलत मांगी गई थी जिसके लिए संसद में वोटिंग हुई थी। इस प्रस्ताव के खिलाफ 49 वोट पड़े, जबकि पक्ष में 47 वोट पड़े।
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