इस देश में कोरोना से नहीं हुई एक भी मौत, चीन के बाद सबसे ज्यादा हुआ था प्रभावित

कोरोना के सामने बड़े-बड़े देश ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। लेकिन दुनिया का एक ऐसा भी देश है जिसने इस वायरस के फैलाव पर पूरी तरह से रोक लगा लिया है। जबकि चीन के बाद इसी देश में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले आये थे....

Update: 2020-03-24 15:06 GMT

नई दिल्ली: कोरोना वायरस का कहर दुनिया भर में जारी है। बड़े-बड़े देश ने भी इसके सामने हाथ खड़े कर दिए हैं। लेकिन दुनिया का एक ऐसा भी देश है जिसने इस वायरस के फैलाव पर पूरी तरह से रोक लगा लिया है। हम बात कर रहे हैं सिंगापुर की। दरअसल चीन में कोरोना वायरस के फैलने के महज दो महीने बाद चीन के बाहर अगर कोई देश इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ तो वह सिंगापुर था। यहां फरवरी के मध्य तक इसके संक्रमण के 80 मामले सामने आए थे। मगर, सिंगापुर ने इसकी रोकथाम के लिए एक ऐसा मॉडल विकसित किया जो वायरस के प्रसार पर लगाम लगाने में बहुत हद तक कामयाब साबित हुआ। अब इस मॉडल की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है।

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फैलाव पर रोक लगाने के लिए कई कदम उठाए उठाए गए-

सिंगापुर में कोरोना वायरस के फैलाव पर रोक लगाने के लिए एक साथ कई कदम उठाए उठाए गए जिससे संक्रमित लोगों और उनके परिवारों को क्वारंटाइन करने के साथ-साथ कार्यस्थल से दूरी बनाना, स्कूल-कॉलेजों व शिक्षण संस्थानों की बंदी शामिल भी है। सिंगापुर के इस कदम से कोरोना वायस के संक्रमण से होने वाली बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या कम करने में काफी मदद मिली।

एक रिपोर्ट के मुताबिक सिंगापुर की आबादी में कोरोना वायरस का संचार मानव से मानव में होने का आकलन करने के लिए 'इन्फ्लूएंजा एपिडेमिक सिम्युलेशन मॉडल' को अपनाया गया। इस मॉडल में जुकाम से पीड़ित व्यक्तियों के संपर्क से वायरस के खतरे का आकलन किया गया।

इस मॉडल के अंतर्गत 80 दिनों में कोरोना के संक्रमण की वृद्धि का आकलन संक्रमण के तीन परिदृश्यों में किया गया। संक्रमण के इन तीनों बिंदुओं के तहत मौलिक जनन संख्या 1.5, 2.0 या 2.5 रखी गई और ऐसा मान लिया गया कि 7.5 फीसदी में रोग के लक्षणों का पता नहीं चलता है।

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इस मॉडल में सबसे पहले आधारभूत बिंदु में मान लिया गया है कि वहां कोई हस्तक्षेप नहीं किया गया है। इसके बाद चार स्तरों पर हस्तक्षेप के प्रभावों का आकलन किया गया और उसकी तुलना आधारभूत परिदृश्य से की गई। इसमें रोकथाम के उपायों में संक्रमित लोगों को तुरंत अलग करना, उनके परिवार को क्वारंटाइन करना, स्कूलों को बंद करना, कार्यस्थल पर क्वारंटाइन व सामाजिक दूरी बनाना आदि शामिल है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की सराहना-

यही कारण है कि सिंगापुर में कोरोना वायरस से एक भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है और इस विश्वव्यापी महामारी से निपटने में सिंगापुर के इस कदम की सराहना विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है।

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