गूगल ने कहा, पैसा नहीं देंगे भले ही सर्च इंजन ब्लॉक करना पड़े
दरअसल ऑस्ट्रेलियाई सरकार और गूगल के बीच मीडिया कंपनियों को भुगतान देने के कानून को लेकर गतिरोध चल रहा है। गूगल ऑस्ट्रेलिया के प्रबंध निदेशक मेल सिल्वा ने कैनबरा में एक सीनेट समिति को बताया कि अगर मौजूदा मीडिया कानून बदला नहीं गया तो यह सबसे खराब स्थिति होगी और फर्म को ऑस्ट्रेलियाई लोगों को ब्लॉक करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
लखनऊ: गूगल ने ऑस्ट्रेलिया में नए कानून के मसले पर वहां अपना सर्च इंजन ब्लॉक करने की धमकी दी है। गूगल ने धमकी दी है कि अगर उसे समाचार के लिए स्थानीय प्रकाशकों को भुगतान करने के लिए मजबूर किया जाता है तो वह ऑस्ट्रेलिया में अपने सर्च इंजन को बंद कर देगा। गूगल ने आस्ट्रेलिया सरकार को धमकी दी है कि वह नए मीडिया कोड बिल में बदलाव करे।
ऑस्ट्रेलिया सरकार ने गूगल को लगाई फटकार
इसके पहले ऑस्ट्रेलिया में गूगल ने अपने सर्च परिणामों में खबरें दिखाना बंद कर दिया था। इसका खुलासा वेबसाइटों द्वारा शिकायत करने पर हुआ। गूगल ने इसे नीतिगत बदलाव बताते हुए रोक की बात मान ली। ऑस्ट्रेलिया सरकार ने चोरी-छिपे लगाई गई पाबंदी पर गूगल को फटकार लगाई है।
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जानिए क्या है पूरा मामला?
दरअसल ऑस्ट्रेलियाई सरकार और गूगल के बीच मीडिया कंपनियों को भुगतान देने के कानून को लेकर गतिरोध चल रहा है। गूगल ऑस्ट्रेलिया के प्रबंध निदेशक मेल सिल्वा ने कैनबरा में एक सीनेट समिति को बताया कि अगर मौजूदा मीडिया कानून बदला नहीं गया तो यह सबसे खराब स्थिति होगी और फर्म को ऑस्ट्रेलियाई लोगों को ब्लॉक करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
मामला ये है कि आस्ट्रेलिया सरकार ने नया कानून बनाया है जिसके अनुसार गूगल पर जो भी खबरें दिखाई पड़ेंगी उनके प्रकाशकों को गूगल को पेमेंट करना होगा। अभी तो गूगल मुफ्त में कंटेंट ले रहा है और उससे बेशुमार कमाई कर रहा है। आस्ट्रेलिया की सीनेट कमेटी से गूगल ने कहा है कि अगर उसे समाचार कंपनियों को पेमेंट करना पड़ा तो ये घाटे का सौदा होगा और इसके दूरगामी नतीजे ख़राब होंगे।
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फ़्रांस में प्रकाशकों को पैसा दे रहा गूगल
लेकिन यही गूगल फ़्रांस में प्रकाशकों को पैसा दे रहा है। फ्रांस के अखबारों की खबरें सर्च विज्ञापन के साथ दिखा कर करोड़ों डॉलर कमा रहे गूगल को यह रकम अखबारों से भी बांटनी होगी। क्योंकि गूगल को अंततः फ्रांस की शक्ति के आगे झुकना पड़ा है।
गूगल व फ्रांस के अखबारों के संगठन एपीआईजी अलाइंस ने बताया है कि गूगल को अखबारों की राजनीति व सामान्य खबरों पर आए विज्ञापन से हुई कमाई में से हिस्सा देना होगा। भुगतान दर हर इंटरनेट पर खबर देखे जाने की संख्या और सूचना के स्तर से अलग तय होगी।
पेरिस के न्यायालय ने अक्टूबर में ही गूगल को समझौता करने को कहा था जिसके बाद नवंबर में गूगल चंद कंपनियों से समझौते को राजी हुआ। लेकिन प्रेस संस्थानों व एएसपी जैसी एजेंसियों ने इसे नकार दिया और अंततः गूगल को घुटने टेकने पड़े।
नीलमणि लाल
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