पाकिस्तान ने भारत पर निकाली भड़ास, पीएम इमरान ने फिर बढ़ाया तनाव

कश्मीर मुद्दे पर विश्व स्तर पर भारत से  बात ना बनने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को माना कि इस मुद्दे पर उन्हें विश्व के देशों का साथ नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि इस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया बेहद धीमी रही है। आर्टिकल 370 से जुड़े फैसले के बाद पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामले में गैरजरूरी हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है

Update: 2020-01-17 14:28 GMT

जर्मनी: कश्मीर मुद्दे पर विश्व स्तर पर भारत से बात ना बनने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को माना कि इस मुद्दे पर उन्हें विश्व के देशों का साथ नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि इस पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया बेहद धीमी रही है। आर्टिकल 370 से जुड़े फैसले के बाद पाकिस्तान भारत के आंतरिक मामले में गैरजरूरी हस्तक्षेप की कोशिश कर रहा है और उसने इस मुद्दे को वैश्विक मंचों पर भी उठाया, जहां से उसे कोई सफलता नहीं मिली। इमरान ने कहा, 'दुर्भाग्यवश, पश्चिमी देशों के लिए व्यावसायिक हित ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। भारत बड़ा बाजार है और कश्मीर में 80 लाख लोगों के साथ क्या हो रहा है, उस पर धीमी प्रतिक्रिया की यही वजह है।'

 

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जर्मनी के एक चैनल को दिए इंटरव्यू में इमरान ने यह तक कह डाला कि आरएसएस की विचारधारा के कारण भारत उससे बातचीत नहीं करना चाहता। भारत ने दो-टूक शब्दों में कहा है कि आतंकवाद और वार्ता साथ-साथ नहीं हो सकती। जब तक पाकिस्तान अपने देश में प्रायोजित आतंकवाद पर लगाम नहीं लगाता उससे कोई बातचीत नहीं हो सकती।

भारत और पाकिस्तान में बढ़े तनाव पर इमरान ने आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा, 'मैं पहला नेता था जिसने दुनिया को चेताया कि भारत में क्या हो रहा है। भारत में कट्टरपंथी विचारधारा-हिंदुत्व का नियंत्रण स्थापित हो रहा है। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा है।' इमरान ने कहा, 'राजनीतिक संगठन आरएसएस का गठन 1925 में हुआ था जो कि जर्मनी के नाजियों से प्रेरित है ।

 

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दुनियाभर को पता है कि भारत पाक द्वारा फैलाए आतंकवाद के कारण उससे वार्ता क्यों नहीं कर रहा है, लेकिन झूठे दावे करते हुए इमरान ने कहा, 'पीएम बनने के बाद, मैंने भारत सरकार और पीएम मोदी से बातचीत के प्रयास किए। बतौर पीएम मेरे पहले भाषण में मैंने कहा कि अगर भारत एक कदम आगे बढ़ता है तो हम दो कदम आगे बढ़ेंगे और मतभेद को दूर करेंगे। लेकिन मुझे बहुत जल्दी पता चल गया कि आरएसएस की विचारधारा के कारण भारत ने मुझे जवाब नहीं दिया।'

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