इस्लामाबादः बांग्लादेश में कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के नेता को फांसी दिए जाने से पाकिस्तान बिफर गया है। पाकिस्तान ने ये मुद्दा यूनाइटेड नेशन्स में ले जाने का फैसला किया है। इसके अलावा वह इंटरनेशन ह्यूमन राइट्स कमीशन में भी बांग्लादेश की शिकायत करेगा।
क्या है मामला?
-जमात-ए-इस्लामी के चीफ मोती-उर्र रहमान को मंगलवार को फांसी दी गई थी।
-वह 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में पाक का साथ देने का दोषी था।
-मोती-उर्र-रहमान की उम्र 73 साल थी।
-जमात प्रमुख ने राष्ट्रपति से क्षमादान नहीं मांगा था।
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क्या कहा पाक ने?
-पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज ने दिखाई नाराजगी।
-विदेश मामलों पर नवाज को सलाह देते हैं अजीज।
-पाकिस्तानी सांसदों को मोती-उर्र-रहमान की फांसी के बारे में भी बताया।
-सरताज अजीज ने बांग्लादेश की आलोचना की, कहा- उसे अपने बारे में सोचना चाहिए।
-1974 में पाक, भारत और बांग्लादेश के बीच हुई संधि का उल्लंघन करार दिया।
पाक ने इंटरनेशनल कम्युनिटी से क्या कहा?
-बांग्लादेश में ह्यूमन राइट्स की स्थिति पर गौर करने का आग्रह पाक ने किया।
-पाकिस्तानी सांसदों ने एम्बेसडर को वापस बुलाने पर तुर्की की तारीफ की।
-पाकिस्तानी सरकार से भी अपना राजदूत बांग्लादेश से बुलाने की मांग की।