धिक्कार है ऐसे लोगों कोः शिया समुदाय के व्यक्ति को नहीं डोनेट किया प्लाज्मा
कोरोना से ठीक हो चुके एक मरीज ने सिर्फ इसलिए अपना प्लाज्मा देने से इंकार कर दिया क्योंकि रिसीवर शिया समुदाय से बिलॉन्ग करता था।
इस्लामाबाद: कोरोना वायरस महामारी के दौर में भी लोग जाति धर्म देखने में लगे हुए हैं। एक खबर सामने आई है, जहां कोरोना से ठीक हो चुके एक मरीज से जब उसका ब्लड प्लाजमा डोनेट करने के लिए कहा गया तो उसने सिर्फ इसलिए अपना प्लाज्मा देने से इंकार कर दिया क्योंकि रिसीवर शिया समुदाय से बिलॉन्ग करता था।
कोरोना मरीज की हालत बिगड़ने पर शुरू की गई डोनर की तलाश
ये मामला है पाकिस्तान का। जहां राजधानी इस्लामाबाद में पाकिस्तान इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) में एक कोरोना संक्रमित मरीज को भर्ती कराया गया था। कुछ दिन पहले मरीज का हालत ज्यादा खराब हो गई। जिस पर परिवार वाले कोरोना वायरस से रिकवर हो चुके मरीज की तलाश में जुट गए ताकि उससे ब्लड प्लाज्मा लिया जा सके।
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शिया समुदाय से होने के चलते डोनेट नहीं किया प्लाज्मा
प्लाज्मा डोनर और रिसीवर को एक-दूसरे तक पहुंचाने में मेडिकल स्टूडेंट के साथ-साथ कई लोग मदद कर रहे हैं। लेकिन जब प्लाजमा डोनर को ये पता चला कि रिसीवर शिया समुदाय से है तो उसने प्लाज्मा डोनेट करने से मना कर दिया। इसी ग्रुप की एक सदस्य अंजाला काजमी ने पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान ये बात साझा की।
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अंजाला काजमी ने सोशल मीडिया पर लिखा ये पोस्ट
साथ ही अंजाला काजमी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट लिखा था। पोस्ट में उन्होंने लिखा था कि अगर मैं आपसे कहूं कि एक डोनर ने अपना ब्लड प्लाज्मा सिर्फ इसलिए देने से इनकार कर दिया, क्योंकि रिसीपेंड एक शिया समुदाय से था।
हमें इसकी उम्मीद नहीं थी
न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान अंजाला काजमी ने कहा कि वह कोरोना पेशेंट्स के लिए डोनर ढूंढने में मदद कर रही हैं। अंजाला ने कहा कि अभी तक डोनर की कई तरह की आपत्तियां देखीं, लेकिन ऐसा मैंने और मेरी टीम ने उम्मीद बिल्कुल नहीं की थी कि मरीज के धर्म के आधार पर प्लाज्मा डोनेट करने से इनकार कर दिया जाएगा।
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मरीज के लिए मिल गया दूसरा डोनर
अंजाला ने डोनर का नाम बताने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मेरा इरादा किसी एक व्यक्ति को लताड़ना नहीं है। अंजाला ने बताया कि कोरोना मरीज के लिए टीम को दूसरा प्लाज्मा डोनर मिल गया है और अब वह वायरस से रिकवर कर रहा है।
पाकिस्तान में पहले भी आ चुके हैं कट्टरता के मामले
बता दें कि ऐसा पाकिस्तान से पहला मामला सामने नहीं आया है। इससे पहले भी पाकिस्तान में कट्टरता का मामला देखा जा चुका है। इससे पहले मार्च में कराची के लोगों ने एक एनजीओ से डोनेशन लेने से सिर्फ इसलिए इनकार कर दिया था क्योंकि डोनेशन देने वाले अहमदिया समुदाय से थे। यहीं नहीं कॉलोनी में खाना बांट रहे वॉलंटियर्स को भी बाहर निकाल दिया गया था।
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