आतंकियों से डरा पाकिस्तानः कोरोना टीकों की लूट का खतरा, इमरान की बढ़ी मुसीबत

टीकों को बचाने के लिए सरकार की ओर से इन्हें गुप्त ठिकानों पर रखने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि सेना की तैनाती की जाए और सीसीटीवी से इसकी निगरानी भी की जाए।

Update: 2021-02-04 04:21 GMT
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नई दिल्ली। कोरोना महामारी से बचाव के लिए पाकिस्तान को रो-गाकर पांच लाख टीके तो मिल गए हैं मगर अब इन टीकों की सुरक्षा को लेकर पाकिस्तान सरकार काफी परेशान है। जबर्दस्त आर्थिक संकट में फंसी इमरान सरकार कोरोना टीके खरीदने की स्थिति में नहीं थी। इसलिए पाक सरकार ने चीन के सामने गिड़गिड़ाकर ये टीके हासिल किए हैं।

टीके की पहली खेप पहुंचने के बाद पाकिस्तान में टीकाकरण की शुरुआत भी की जा चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान सरकार को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं ये टीके आतंकी न लूट ले जाएं।

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टीकों को बचाने के लिए सरकार की ओर से इन्हें गुप्त ठिकानों पर रखने का आदेश दिया गया है। इसके साथ ही यह भी निर्देश दिया गया है कि सेना की तैनाती की जाए और सीसीटीवी से इसकी निगरानी भी की जाए।

आतंकी हमलों से सुरक्षा की गाइडलाइन जारी

22 करोड़ से ज्यादा आबादी वाले पाकिस्तान को चीन ने पांच लाख टीके मुहैया कराने का आश्वासन दिया है। टीकों की पहली खेप पहुंचने के बाद नेशनल कमांड एंड ऑपरेशन सेंटर की ओर से टीकों की चोरी रोकने और आतंकी हमलों से सुरक्षा के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।

चीन में निर्मित सिनोफॉर्म टीके को सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को लगाया जा रहा है। देश के विभिन्न प्रांतों में करीब 70,000 टीके भेजे गए हैं। सरकार की ओर से इन टीकों की सुरक्षा को लेकर विशेष रूप से सतर्कता बरती जा रही है।

सेना की तैनाती का आदेश

सरकार को इस बात का डर सता रहा है कि कहीं आतंकी इन टीकों को लूट न ले जाएं। किसी भी अप्रिय घटना और आतंकी हमले को रोकने के लिए प्रशासन की ओर से विशेष योजना बनाई गई है। साथ ही इन टीकों को नकली टीकों से बदले जाने की घटनाओं से भी सतर्क किया गया है।

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नेशनल कमांड एंड ऑपरेशंस सेंटर (एनसीओसी) की ओर से जारी गाइडलाइन में टीकों को लेकर जाने वाले वाहनों के साथ पुलिस, रेंजर्स और सेना की अनिवार्य रूप से तैनाती का आदेश दिया गया है।

टीकों को ले जाने का रूट रहेगा गोपनीय

इसके साथ ही कोरोना टीकों को लेकर जाने वाले वाहनों के रूट को भी पूरी तरह गोपनीय रखने को कहा गया है। टीकों को किसी अज्ञात स्थान पर रखने को कहा गया है और उस स्थल पर कई स्तरों की सुरक्षा प्रबंध करने का भी आदेश दिया गया है। प्रांतीय सरकारों से भी इस बाबत सतर्कता बरतने और सिक्योरिटी बोर्ड बनाने को कहा गया है।

वैसे तो दुनिया के विभिन्न देशों में कोरोना के टीकों को लेकर विशेष सतर्कता बरती जा रही है मगर पाकिस्तान में यह सतर्कता कुछ ज्यादा ही नजर आ रही है। इसका एक बड़ा कारण कोरोना टीकों की भारी कमी को बताया जा रहा है।

काफी गिड़गिड़ाने पर चीन ने दिए टीके

पाकिस्तान की आबादी करीब 22 करोड़ से ज्यादा है मगर पाकिस्तान को अभी तक चीन से सिर्फ पांच लाख टीके हासिल हुए हैं। इन टीकों को हासिल करने के लिए भी पाकिस्तान को काफी मशक्कत करनी पड़ी है और चीन के सामने काफी गिड़गिड़ाने पर उसे ये टीके मिल सके हैं।

पाकिस्तान सरकार कई आतंकी संगठनों को पर्दे के पीछे से मदद करती रही है मगर अब सरकार को इन आतंकियों से ही खतरा महसूस हो रहा है।

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सरकार को लग रहा है कि आतंकी टीकों की लूट कर सकते हैं और यही कारण है कि सरकार की ओर से विशेष तौर पर सतर्कता बरती जा रही है।

टीके खरीदने के लिए पैसा नहीं

पाकिस्तान की इमरान सरकार इन दिनों जबर्दस्त आर्थिक संकट में फंसी हुई है और सरकार के पास टीके खरीदने के लिए भी पैसे नहीं हैं। पाकिस्तान को को कोवैक्स प्रोग्राम के जरिए अगले छह महीनों में 1.70 लाख टीके मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। फिर भी पाकिस्तान में टीकों की किल्लत बनी रहेगी। यही कारण है कि टीकों की सुरक्षा पर काफी ध्यान दिया जा रहा है।

अंशुमान तिवारी

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